नई दिल्ली। देश में ज्यादातर हत्या के मामले ऐसे आते हैं जिनमें किसी बंदूक या फिर अन्य नुकीले हथियारों से वारदात को अंजाम देते हैं, किन्तु कानून की पकड़ से आरोपी कितनी भी कोशिश कर लें लेकिन बच नहीं सकते हैं। ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) तक पहुंच गया जिसमें किसी की हत्या के लिए जहरीले सांप (venomous snake) का सहारा लेकर ‘हथियार’ के तौर पर किया गया।
बता दें कि कोर्ट ने बुधवार को कहा कि एक बुजुर्ग महिला की हत्या के लिए जहरीले सांप का इस्तेमाल ‘हथियार’ के तौर पर करना ‘जघन्य अपराध’ है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान से जुड़े इस मामले में आरोपी को जमानत देने से इनकार किया। चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोली की बेंच के सामने यह अनोखा केस आया था।
पुलिस ने महिला, उसके आशिक और आशिक के एक दोस्त को गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं, पूछताछ के आधार पर पुलिस उस संपेरे तक भी पहुंच गई जिसने इस हत्या में ‘हथियार’ मुहैया कराया था। संपेरा इस केस में गवाह बन गया और उसने मैजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दिया कि महिला के आशिक के कहने पर उसने सांप की व्यवस्था की थी।
महिला के आशिक की तरफ से एडवोकेट आदित्य कुमार चौधरी ने सीजेआई की अगुआई वाली बेंच के सामने दलील दी कि उनका मुवक्किल क्राइम सीन पर मौजूद नहीं था। वकील ने दलील दी, ‘उसे कैसे साजिश का हिस्सा माना जा सकता है जब यह किसी को नहीं पता कि सांप किसको काटेगा? किसी कमरे में सिर्फ जहरीले सांप को छोड़ने का यह मतलब नहीं है कि सांप को पता है कि उसे किसे काटना चाहिए। पुलिस ने कॉल रेकॉर्ड की विश्वसनीयता की जांच नहीं की। मेरा मुवक्किल एक साल से ज्यादा वक्त से जेल में है।
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