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रूस से युद्ध में यूक्रेन की डिजिटल सेना ने संभाला मोर्चा, दुनियाभर के IT पेशेवरों के साथ मिलकर बनाया दल

बोस्टन । इंटरनेट युग में हुए यूरोप के पहले युद्ध में यूक्रेन (Ukraine) की डिजिटल सेना (digital army) ने भी रूस (Russia) के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा है। सैकड़ों स्वयंसेवी हैकरों का एक समूह हफ्तेभर से रूस की सूचना ‘जंग’ को करारा जवाब दे रहा है। तकनीक जानकारों के मुताबिक, ये हैकर अर्धसैनिकों से भी ज्यादा असरदार हमलावर बल हैं। कई देशों के आईटी पेशेवर इस डिजिटल सेना से जुड़ चुके हैं। यही नहीं, यह समूह युद्ध विरोधी संदेशों, मौतों व तबाही की तस्वीरें और सूचनाएं साझा करके रूसियों को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

डीडीओएस से जुड़े दुनियाभर के पेशेवर
इस मुहिम से जुड़े 37 वर्षीय यूक्रेनी रोमन जखारोव का कहना है, हम एक स्व-संगठित सेना हैं। समूह ने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जिससे दुनिया में कहीं से कोई भी अपने मोबाइल या कंप्यूटर से न सिर्फ रूसी वेबसाइटों पर ‘डिस्टीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस अटैक’ (डीडीओएस) में हिस्सा ले सकते हैं, बल्कि रूसी सेना की लोकेशन देने से लेकर पेट्रोल बम और प्राथमिक चिकित्सा सामग्री जुटाने के निर्देश साझा कर सकता है। जखारोव की डिजिटल सेना का नाम ‘स्टैंड फॉर यूक्रेन’ है, जिसमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर, मार्केटिंग मैनेजर और ग्राफिक डिजाइनर व ऑनलाइन विज्ञापन क्रेता तक शामिल हैं।


रूसियों से व्यक्तिगत संपर्क में डिजिटल सेना
जखारोव कहते हैं, यूक्रेन ही नहीं, रूसी भी पुतिन को पसंद नहीं करते। इसलिए हम रूसियों को भी जोड़ रहे हैं। स्वयंसेवी हैकर रूसियों को फोन कॉल, ईमेल और संदेशों से संपर्क साध रहे हैं। इन रूसी नागरिकों को मृत रूसी सैनिकों के वीडियो और तस्वीरें भेजी जा रही हैं। समूह द्वारा तैयार एक वेबसाइट पर रूसी माताएं यूक्रेन में पकड़े गए सैनिकों में अपने बेटों की पहचान कर सकती हैं।

रूसी रेलवे को बनाया खास निशाना
पिछले दिनों रूसी वेबसाइटें डीडीओएस हमलों से कई दफा ऑफलाइन हुई हैं। हालांकि, उन्हें वापस ठीक कर लिया गया। शीर्ष यूक्रेनी साइबर सुरक्षा अधिकारी विक्टर जोरा ने शुक्रवार को बताया, घरेलू हैकर क्रेमलिन नियंत्रित मीडिया और रेलवे के साथ रूसी सैन्य प्रतिष्ठानों और वित्तीय सेवाओं को निशाना बना रहे हैं। खुद जखारोव के मुताबिक, उनके हमलों से पश्चिमी रूस में दूरसंचार और रेल सेवाएं बाधित हुई हैं। हालांकि, इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी। वहीं, कुछ बेलारूसी हैकरों ने भी बीते हफ्ते यूक्रेनी हैकरों का साथ निभाते हुए बेलारूस के ही रेलवे नेटवर्क को बाधित किया था, जिसके चलते टिकटों की ऑनलाइन बिक्री रुक गई।

जानकारों ने चेताया, मदद लेने से हो सकते हैं खतरनाक परिणाम
कुछ साइबर विशेषज्ञों ने यूक्रेन द्वारा हैकरों से मदद लेने को लेकर चेताया है। उनका कहना है कि इसके खतरनाक परिणाम भी हो सकते हैं। इस बीच, रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कॉस्मोस के महानिदेशक दिमित्री रोगोजिन ने यूक्रेन के साइबर हमलों के दावों को फर्जी बताया। लेकिन एक समाचार एजेंसी से बातचीत में रोगोजिन ने कहा कि ऐसे साइबर हमले सच हैं तो ये युद्ध छेड़ने सरीखे माने जाएंगे।

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