
भोपाल। प्रदेश (Pradesh) में पिछले साल गेहूं का उपार्जन 127 लाख मीट्रिक टन (Metric ton) किया गया था। जिसमें अभी भारतीय खाद्य निगम एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए उठाव करने के बावजूद भी प्रदेश में 85 लाख मीट्रिक टन (Metric ton) गेहूं का भंडारण है। वर्तमान में उपार्जित किए जा रहे गेहूं के भंडारण के लिए गोदामों में जगह नहीं है। ऐसे में सरकार (Government) ने गोदाम खाली करने के लिए गरीबों को तीन महीने का राशन (Rashan) एक साथ देने का निर्णय किया है। जिससे गोदाम खाली होने पर गेहूं रखा जाएगा। फिलहाल उपार्जित गेहूं को पॉलीबैग (Polybag) और खुले में रखने की मजबूरी है। हालांकि राज्य सरकार (Government) की ओर से कहा गया है कि गरीबों को तीन महीने का राशन कोरोना संक्रमण (Corona infection) को देखते हुए लिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि प्रदेश के सभी पात्र उपभोक्ताओं को उचित मूल्य की दुकानों से एक साथ तीन माह का राशन नि:शुल्क मिलेगा। चौहान ने कहा कि शहरों और कस्बों के साथ ही प्रदेश के ग्रामों में भी संक्रमण (Infection) बढऩे से रोकना है। ग्रामों में जो सुरक्षित हैं, वे सुरक्षित रहें और बाहर न निकलें। जहाँ अधिक संक्रमित (Infected) रोगी हैं वहाँ कन्टेनमेंट जोन (Containment Zone) बनाकर संक्रमण (Infection) नियंत्रण सुनिश्चित करें। हर स्थिति में संक्रमण (Infection) की चेन तोडऩा है। रहवासी संघ और स्वैच्छिक संगठन सहयोग करें ताकि जो व्यवस्थाएँ छोटी पड़ रही हैं, उन्हें पर्याप्त बनाया जा सके।
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