
वायनाड। केरल (Kerala) के वायनाड (Wayanad) में त्रासदी का शिकार हुए लोगों को राहत पहुंचाने के लिए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बीच यहां कुछ ऐसा हुआ है, जिससे विवाद पैदा हो गया है। असल में केरल ग्रामीण बैंक (Kerala Gramin Bank) ने पीड़ितों को मिले मदद के पैसों से ईएमआई (EMI from help money) काट ली है। 30 जुलाई को यहां लैंडस्लाइड के बाद भारी तबाही (Huge devastation after landslide) मची थी। बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आए। इससे राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने इमरजेंसी राहत फंड (Emergency Relief Fund) जारी किया था। अब बैंक द्वारा मदद के पैसे से ईएमआई काट लेने से पीड़ित भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। गौरतलब है कि वायनाड की त्रासदी में 230 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। वहीं, 100 से ज्यादा लोग गायब हो गए थे।
केरल सरकार ने वायनाड पीड़ितों के लिए 10,000 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से राहत राशि जारी की थी। तमाम पीड़ितों का कहना है कि यह रकम खाते में आते ही ईएमआई के 5000 रुपए कट गए। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मिनी मोल ने घर बनवाने के लिए 50 हजार रुपए का लोन लिया था। उन्होंने बताया कि मदद के लिए मिले रुपयों में से 3000 रुपए कट गए। इसी तरह अपना घर गंवाने वाले चूरामाला के राजेश के खाते से 3400 रुपए की कटौती हो गई। उन्होंने बताया कि मैं एक डेयरी चलाता हूं। लैंडस्लाइड में गाय बांधने वाली जगह के साथ-साथ आठ गायें भी बह गईं। राजेश ने कहा कि मदद के पैसों से मैं किराए के घर का एडवांस चुकाना चाहता था। बता दें कि केरला बैंक में केंद्र की हिस्सेदारी 50 फीसदी और पीएसयू केनरा बैंक के जरिए 35 फीसदी है। वहीं, केरल सरकार की हिस्सेदारी 15 फीसदी है।
प्रदेश के सहकारिता मंत्री वीएन वासवन ने बैंकों के इस कदम को क्रूरता बताया है। उन्होंने लोगों से वादा किया कि वह इस मामले को उठाऊंगा। मंत्री ने कहा कि ठीक है कि प्रदेश स्तरीय बैंक समिति (एसएलबीसी) ने इसको लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किया। लेकिन बैंक मैनेजरों को मानवता के आधार पर खुद पहल करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह वाकई शर्मनाक है और मैं एसएलबीसी के सामने यह मुद्दा लेकर जाऊंगा। वहीं, एसएलबीसी के जनरल मैनेजर केएस प्रदीप ने कहा कि उन्होंने ग्रामीण बैंक प्रमुख से मुलाकात करके जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इस बीच वायनाड के डिप्टी कलेक्टर ने ग्रामीण बैंक को निर्देश दिए हैं कि रिलीफ फंड से काटी गई रकम लोगों के अकाउंट में वापस कर दी जाए।
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