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पश्चिम बंगाल​ : चक्रवात ‘Yaas’ ने मचाई तबाही, राहत और बचाव अभियान में जुटी भारतीय नौसेना

नई दिल्ली । विशाखापत्तनम से ​​पश्चिम बंगाल (West Bengal) भेजी गईं भारतीय नौसेना (Indian Navy) की सात टीमों ने चक्रवात ‘यास’ (Cyclone ‘Yaas’) से हुई तबाही के बाद ​दूसरे दिन सुबह का उजाला होने के साथ ही ​राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। ​​प्रभावित जिलों में ​​​लोगों की सहायता के लिए ​​भेजी गई टीमों में 2 डाइविंग टीम और 5 बाढ़ राहत दल शामिल हैं। तूफान से राज्य में सबसे ज्यादा 3 जिले ​​दीघा (Digha), फ्रेजरगंज (Fraserganj) और डायमंड हार्बर (Diamond harbor) प्रभावित हुए हैं।

नौसेना प्रवक्ता विवेक मधवाल के अनुसार विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) के सात भारतीय नौसेना दल 23/24 मई को पश्चिम बंगाल भेजे गए थे। इसमें दो गोताखोरी और पांच ​​​​बाढ़ राहत दल (एफआरटी) शामिल हैं। पहले से तैनात इन टीमों ने ​तू​फान से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए दीघा, फ्रेजरगंज और डायमंड हार्बर नामक तीन अलग-अलग स्थानों पर राहत कार्य शुरू कर दिए ​हैं​। चक्रवात ‘यास’ के बाद सभी राहत गतिविधियां राज्य प्रशासन के साथ निकट समन्वय में की जा रही हैं। सभी टीमें चक्रवात आने के पहले भी जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई के लिए तैयार रहीं। इसके बाद तूफान के लैंडफॉल होते समय ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट पर तेजी से तैनात की गईं।


चक्रवात ‘यास’ गुजर जाने के तुरंत बाद जलभराव होने पर राहत और बचाव कार्यों के लिए दीघा जिले के खदलगोबरा मीनाक्षी गांव में एक बाढ़ राहत दल को तैनात किया गया जो आज दूसरे दिन भी अपने मिशन पर लगा है।​ ​फ्रेजरगंज ​में तैनात ​टीम को शुरू में सिबारमपुर गांव और उसके बाद मौसिनी द्वीप में तैनात किया गया था जहां ग्रामीणों को तीन नावों से भोजन और राशन सामग्री पहुंचाई​ गई​। इसके बाद फंसे ग्रामीणों को बचाने के लिए ​इस ​टीम को नारायणपुर गांव में स्थानांतरित कर दिया गया। 26 मई की देर शाम को अंधेरा होने पर राहत कार्य रोक दिए गए लेकिन आज सुबह का उजाला होने के साथ ही फिर से नौसेना कर्मियों ने बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।

तीसरे तूफान प्रभावित इलाके ​डायमंड हार्बर में ​​बाढ़ राहत दल​ ​​की एक टीम को राहत​ कार्य के उपाय करने का काम सौंपा गया ​था।​ बाद में जिला प्रशासन ​के अनुरोध पर इस टीम को​ ​कोंटाई, पुरबा मेदिनीपुर में ​​बचाव और राहत प्रयासों को बढ़ाने के लिए ​​​स्थानांतरित कर दिया गया​ है​।​ चक्रवात गुजर जाने के बाद सभी ​​टीमें 12 घंटे से अधिक समय तक ​राहत कार्यों में लगी​ रहीं​​।​ इसके अलावा ​भारतीय नौसेना ने​ काफी मात्रा में राहत सामग्री तैयार रखी है जिसके बारे में ​​राज्य सरकार को अवगत करा​ दिया गया है​​।​ ​राहत सहायता​ सामग्री समुद्र में तैनात ​नौसेना के चार जहाजों पर लोड ​की जा रही है।

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