img-fluid

ऐसा क्‍या हुआ कि स्वयं यमराज को धरती पर लेना पड़ा जन्‍म, पढ़े ये पौराणिक कथा

February 01, 2021

जब इस मृत्युलोक में मनुष्य का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तब यमदूत मनुष्य की आत्मा को लेने पृथ्वी पर आते हैं। परन्तु एक पौराणिक कथा के अनुसार स्वयं यमराज को एक बार पृथ्वी पर मनुष्य रूप में जन्म लेना पड़ा था। इस पोस्ट में हम आपको बताएं की आखिर क्यों यमराज को पृथवी पर जन्म लेना पड़ा ? तो आइये जानतें हैं –

यमराज और मांडव्य ऋषि की कथा
पौराणिक समय में मांडव्य नाम के महान ऋषि थे । उन्होंने अपनी तपस्या से अनेकों सिद्धियां प्राप्त कर ली थीं । जिस राज्य में मांडव्य ऋषि रहते थे वहां राजकोष में किसी ने चोरी की, जब चोरों का पीछा किया गया तो चोर मांडव्य ऋषि के आश्रम में चले गए और चोरी की हुई वस्तुएं आश्रम में ही छोड़कर भाग गए । ऋषि उस समय तपस्या में विराजमान थे । जब पीछा करते हुए सैनिकों को आश्रम में चोरी हुआ सामान मिला तब उन्होंने मांडव्य ऋषि को ही चोर समझकर उन पर आरोप लगा दिया । सैनिक मांडव्य ऋषि को बंदी बनाकर राजा के पास ले गए ।

मांडव्य ऋषि को फांसी की सजा
राजा ने ऋषि को फांसी की सज़ा सुनाई । जब ऋषि को वध स्थल पर ले जाय गया तो वो वहीँ पर गायत्री मन्त्र का जप करने लगे । जब ऋषि को फांसी दी गयी तो उन पर कोई प्रभाव नहीं हुआ । वहां उपस्थित सैनिकों समेत राजा भी यह देखकर अचंभित थे । राजा को समझ आ गया की यह कोई तपस्वी है और तब राजा को अपने किये पर पछतावा हुआ और ऋषि से क्षमा मांगी । तब ऋषि ने उत्तर दिया की राजन मैं तुम्हे क्षमा करता हूँ परन्तु यमराज को नहीं । बिना कोई पाप मुझे मृत्युदंड क्यों दिया गया ।



यमराज के पास पहुंचे मांडव्य ऋषि
अपनी तप शक्ति से ऋषि यमराज के समक्ष पहुंचे और इस दंड का कारण पूछा । यमराज भी ऋषि की तप साधना से भयभीत हो गए। महान तप से वचन पवित्र हो जाते हैं और तपस्वी जो भी बोल देते है वो सत्य हो जाता है ।यमराज ने उत्तर दिया की हे ऋषिवर आपने तीन वर्ष की आयु में एक तितली को काँटा चुभाया था । इसी पाप के कारण आपको यह दंड मिला । प्रत्येक व्यक्ति को अपने छोटे से अपराध के लिए भी दंड भुगतना पड़ता है।

यमराज को श्राप
ऋषि ने कहा की शास्त्रों के अनुसार यदि अज्ञानता के कारण कोई व्यक्ति अपराध करता है तो उसका दंड उसे स्वप्न में दिया जाना चाहिए । इसलिए यमराज तुमने मुझे शास्त्रों के उल्लेख के विरुद्ध दंड दिया है । मैं तुम्हे श्राप देता हूँ तुम अपने इस अज्ञान के कारण किये गए कृत्य के परिणामस्वरूप एक दासी के गर्भ से मनुष्य योनि में जन्म लोगे । और मित्रों माण्डव्य ऋषि के इस श्राप के कारण ही यमराज ने पृथ्वीलोक में विदुर के रूप में जन्म लिया।

नोट– उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सूचना सामान्‍य उद्देश्‍य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्‍यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्‍न माध्‍यमों जैसे ज्‍योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्‍वयं की जिम्‍मेंदारी होगी ।

Share:

  • INDORE : नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से प्रदेश में आ रहा है गांजा

    Mon Feb 1 , 2021
    इदौर। प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ अभियान चला रखा है। लगातार पूरे प्रदेश में कार्रवाई हो रही है। इस दौरान बड़ी मात्रा में गांजा पकड़ में आ रहा है। प्रदेश में यह गांजा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से आ रहा है। इस पर कई एजेंसियों की नजर है और कुछ मामले पकड़े भी गए हैं।़ […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved