
नई दिल्ली । भारत सरकार(Government of India) ने केंद्रीय कर्मचारियों(central employees) को बड़ा तोहफा(big gift) देते हुए 8वें वेतन आयोग(8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है। इस वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतनमान और भत्तों में इजाफा होगा। यही नहीं राज्य सरकारों के कर्मचारी भी इस वेतन आयोग के आधार पर भविष्य में वेतन बढ़ोतरी की राह देख रहे हैं। आयोग का चेयरपर्सन जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को बनाया गया है। वह सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस हैं और परिसीमन आयोग का भी वह नेतृत्व कर चुकी हैं। गुजरात सरकार ने भी उनकी सेवाएं ली थीं। उन्हें समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए सिफारिशें देने वाली समिति का अध्यक्ष बनाया गया था।
वह सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर 2014 में सेवानिवृत्त हुई थीं, लेकिन उसके बाद भी किसी ना किसी भूमिका में सक्रिय रही हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्हें बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष का पद मिला था। इसके अलावा परिसीमन आयोग का भी नेतृत्व किया और उनके ही मार्गदर्शन में जम्मू-कश्मीर में सीटों का पुनर्गठन हुआ है। उनकी अध्यक्षता में 7 नई सीटों का गठन हुआ और जम्मू-कश्मीर में कुल सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई। यही नहीं लोकपाल चयन समिति का भी वह नेतृत्व कर चुकी हैं।
रंजना प्रकाश देसाई के अलावा वेतन आयोग में दो सदस्य भी बनाए गए हैं। आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष इसके सदस्य के तौर पर काम करेंगे। इसके अलावा पेट्रोलियम मंत्रालय के सचिव पंकज जैन को सदस्य-सचिव के नाते जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनका प्रशासन का लंबा अनुभव है। न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई का जन्म 30 अक्टूबर 1949 को हुआ था। उन्होंने 1970 में एल्फिंस्टन कॉलेज से कला स्नातक और 1973 में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, बॉम्बे से लॉ ग्रैजुएट की डिग्री हासिल की थी।
जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई 30 जुलाई 1973 को कानूनी पेशे में शामिल हुईं, जब न्यायमूर्ति प्रताप बार में थे तब उन्होंने उनके कनिष्ठ के रूप में काम किया। यहां उन्हें कई दीवानी और आपराधिक मामलों में पेश होने का अवसर मिला। उन्होंने अपने पिता एसजी सामंत के साथ भी काम किया, जो एक मशहूर क्रिमिनल लॉयर थे। 1979 में उन्हें सरकारी वकील नियुक्त किया गया।
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