नई दिल्ली। भारत जोड़ो यात्रा (bhaarat jodo yaatra) 12 दिनों में करीब 200 किलोमीटर का सफर तय (200 kms traveled) कर चेप्पुड (केरल) पहुंच गई है। अगले 12 दिन अभी यात्रा केरल के विभिन्न जिलों से गुजरते हुए एक अक्टूबर को कर्नाटक (Karnataka) में दाखिल होगी। यहीं से यात्रा का असल इम्तेहान (real test of travel) शुरू होगा। क्योंकि, कर्नाटक में भाजपा सरकार (BJP government in Karnataka) है और प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव (assembly elections next year) होने हैं। इसी बीच अब भाजपा की पहुंच से अब तक दूर केरल में पार्टी सफलता की उम्मीद बांध रही है, क्योंकि कांग्रेस माकपा के नेतृत्व वाले गठबंधनों यूडीएफ और एलडीएफ में बंटी राज्य की राजनीति में भाजपा इन दोनों गठबंधनों के टकराव में संभावनाएं तलाशने में जुटी है। अंदरूनी तौर पर भाजपा का मानना है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से ध्रुवीकरण का लाभ अप्रत्यक्ष रूप से उसे मिल सकता है।
मीडिया खबरों की माने तो केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद स्थितियां बदली हैं। यही भाजपा की उम्मीद की सबसे बड़ी वजह है। भाजपा को 2011 के विधानसभा चुनाव में मात्र 6.03 फीसदी वोट ही मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 10.85 फीसदी हो गए थे। 2016 के विधानसभा चुनाव में भी उसे 10.6 वोट मिले और एक सीट भी पहली बार मिली थी। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में स्थानीय दलों के साथ भाजपा ने गठबंधन किया था तो राजग को 15.64 फीसदी वोट मिले थे। पार्टी के वोटों में सबसे बड़ा इजाफा 2020 के पंचायत चुनाव में हुआ जबकि उसे 17 फीसदी वोट मिले। बीते विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को 11.30 फीसदी वोट मिले थे।
अगर पिछले लोक कसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा के लिए सबसे अच्छी बात यह थी। उसे पांच लोकसभा क्षेत्रों में दो लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए थे। त्रिवेंद्रम में तो उसके उम्मीदवार को तीन लाख से ज्यादा वोट मिले और वह वामपंथी दल के उम्मीदवार को पीछे छोड़कर दूसरे नंबर पर रहा था।
पिछले लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ने गए थे तब केरल में एक माहौल बना था कि केरल से देश को पहला प्रधानमंत्री मिल सकता है। यही वजह है कि राज्य में सत्तारूढ़ एलडीएफ को एक सीट पर ही जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस ने 20 में से 19 लोकसभा सीटें जीत ली थी। अब माहौल बदला हुआ है। कांग्रेस से भाजपा में आए टॉम वडक्कन के जरिए भाजपा राज्य कांग्रेस के कुछ नेताओं के भी संपर्क में है।
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