नई दिल्ली. जीएसटी (GST) को लेकर सरकार (Government) की बड़ी प्लानिंग है और इसके तहत मिडिल क्लास व लोअर इनकम (middle class and lower income) ग्रुप वाले लोगों को राहत मिल सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जल्द ही जीएसटी में बड़ी राहत दी जा सकती है और केंद्र सरकार जीएसटी रेट्स में कटौती (GST Rate Cut) की जा सकती है. ऐसा बताया जा रहा है कि मोदी सरकार जीएसटी स्लैब बदलने पर गंभीरता से विचार कर रही है और 12 फीसदी का GST Slab अब 5 फीसदी में आ सकता है.
12% की जगह 5% के स्लैब की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से जीएसटी पर ऐसे सामानों पर राहत मिल सकती है, जो खासतौर पर मिडिल और लोअर इनकम वाले घरों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं और 12 फीसदी के GST Tax Slab के अंतर्गत आते हैं. सरकार अब विचार कर रही है ऐसे अधिकांश सामानों को या तो 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में ट्रांसफर किया जा सकता है या फिर इनपर लगने वाला 12 फीसदी का स्लैब ही समाप्त किया जा सकता है. गौरतलब है कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सामान इसी स्लैब में आते हैं.
कपड़ों से लेकर साबुन तक हो सकते हैं सस्ते
जीएसटी काउंसिल की अगली 56वीं बैठक में इसे लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है औ ये GST Counsil Meet इसी महीने हो सकती है. अगर सरकार की ओर से ये निर्णय लिया जाता है, जो अभी तक 12 फीसदी के स्लैब में आने वाले जूते-चप्पल, मिठाई, कपड़े, साबुन, टूथपेस्ट और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कई सामान सस्ते हो सकते हैं.
GST के भारत में कितने स्लैब
साल 2017 में देश में जीएसटी लागू किया गया था और बीते कारोबारी दिन 1 जुलाई को ही इसने आठ साल पूरे किए हैं. देश में जीएसटी दरें GST Counsil द्वारा तय की जाती हैं और इनमें बदलाव के किसी भी फैसले में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं. बात करें भारत में GST Slabs के बारे में, तो अभी चार जीएसटी स्लैब हैं. 5%, 12%, 18% और 28% हैं. अनाज, खाद्य तेल, चीनी, स्नैक्स और मिठाई के अलावा सोना-चांदी और अन्य तमाम सामानों को अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से इन्ही टैक्स स्लैब में रखा गया है.
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