
अशोकनगर। कौशल मंत्रालय और उद्यमिता द्वारा कौशल सम्बंधित गतिविधियों को आगे बढ़ाने तथा लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में विभाग द्वारा जिल जेल में महिला कैदियों के लिए 9 दिन की कार्यशाला आयोजित की गई थी। एसडीएम की अनुमति से उक्त कार्यशाला एमजीएनएफ की शैफाली आनंद, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल के आदर्श जैन द्वारा संपन्न की जा रही है। महिलाओं को स्वरोजगार हेतु टोमाटो कैचअप, सोयाबीन से पनीर, दूध बनाना आदि सिखाया जा रहा है जिससे कि महिला कैदी जेल से बाहर आकर अपना व्यवसाय कर सकें। कार्यशाला के साइकोलॉजी सेशन में डॉ.अमिता सेठी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए बताया कि कई बार क्षणिक गुस्सा में व्यक्ति अपनी भावनाओं पर कंट्रोल नहीं कर पाता और उनसे अपराध घटित हो जाता है।
बाद में उसे इसका पछतावा भी होता है। कैद में जो महिलाएं हैं उनका लंबा जीवन है और वे आत्मनिर्भर बनकर अपना और अपने बच्चों का जीवन संभाल सकती हैं। बदले की भावना को मिटाकर ही जीवन में सकारात्मकता लाई जा सकती है। इस दौरान जेलर एसएस सिद्धिकी भी उपस्थित थे।
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