लाहौर। पाकिस्तान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को ”भगोड़ा” घोषित कर दिया है और उनके प्रत्यर्पण के लिये ब्रिटिश सरकार से संपर्क किया है। वह इलाज के लिये अभी लंदन में हैं। जवाबदेही एवं आंतरिक मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार शहजाद अकबर ने कहा कि मेडिकल आधार पर शरीफ की चार हफ्तों की जमानत की अवधि पिछले साल दिसंबर में समाप्त हो गई।
अकबर के हवाले से डॉन न्यूज ने बताया, ”सरकार उन्हें (शरीफ को) एक भगोड़ा मान रही है और उनके प्रत्यर्पण के लिये ब्रिटिश सरकार को एक अनुरोध भेजा जा चुका है।” नवाज शरीफ ने जुलाई में कोर्ट को सूचना दी कि वह देश लौटने में असमर्थ हैं
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के एक मामले में शरीफ को एक जवाबदेही अदालत ने कैद की सजा सुनाई थी। शरीफ ने पिछले हफ्ते लाहौर की एक अदालत को सूचना दी कि वह देश लौटने में असमर्थ हैं क्योंकि उनके चिकित्सकों ने उन्हें कोरोना वायरस महामारी के चलते वहां नहीं जाने को कहा है। शरीफ ने अपने वकील के जरिये लाहौर उच्च न्यायालय को अपनी मेडिकल रिपोर्ट सौंपी और कहा कि चिकित्सकों ने उन्हें महामारी के चलते बाहर नहीं जाने की सलाह दी है क्योंकि उनके रक्त में प्लेटलेट कम है, वह मधुमेह, हृदय, किडनी और रक्तचाप से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित हैं।
अकबर ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो से शरीफ के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को कहेगी और वह शहबाज शरीफ की गारंटी की कानूनी वैधता पर भी गौर कर रही है, जो अपने बड़े भाई को उपचार के बाद अपने साथ पाकिस्तान लाने वाले हैं।
अकबर ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रयोगशाला की फर्जी जांच रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने बताया कि कानून मंत्रालय और ब्यूरो तथा जेल विभाग को उनकी जमानत की अवधि खत्म होने तथा इसमें विस्तार का अनुरोध खारिज होने से अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश सरकार को भी इस घटनाक्रम से दो मार्च को अवगत करा दिया गया, साथ ही उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध भी किया गया।
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