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‘100 KM लंबा मौत का हाईवे…’ साइरस मिस्त्री से पहले, 2022 में अब तक 62 की मौत

मुंबईः महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक कार दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत की खबर ने इस महीने की शुरुआत में देश को झकझोर कर रख दिया था. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि यह एक बार हुई घटना नहीं थी. पुलिस अधिकारियों की मानें तो ठाणे के घोडबंदर से पालघर के दपचारी के बीच मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग के 100 किलोमीटर लंबे हिस्से में इस साल 262 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें कम से कम 62 लोगों की मौत हुई है और 192 लोग घायल हुए हैं.

हालांकि, इनमें से कई घटनाओं में गाड़ी की अधिक गति और चालक की ओर से निर्णय की त्रुटि ने भी अहम भूमिका निभाई है. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि सड़क का खराब रख-रखाव, उचित संकेतों की कमी और गति पर अंकुश लगाने के उपायों की कमी जैसे कारक भी मुंबई-अहमदाबाद हाईवे के इस 100 किलोमीटर के स्ट्रेच पर होने वाली दुर्घटनाओं की अधिक संख्या के लिए जिम्मेदार हैं.

महाराष्ट्र हाईवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद राजमर्ग पर चरोटी टोल प्लाजा के पास का वह हिस्सा, जहां 4 सितंबर को साइरस मिस्त्री की मर्सिडीज कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, उस पर इस साल की शुरुआत से अब तक 25 गंभीर दुर्घटनाओं में 26 लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इसी अवधि के दौरान इस 100 किमी के स्ट्रेच पर चिंचोटी के पास 34 गंभीर दुर्घटनाओं में 25 लोगों की मौत हुई है, जबकि मनोर के पास 10 दुर्घटनाओं में 11 लोगों की मौत हुई है.

अधिकारी ने कहा कि जहां तक दुर्घटनाओं की बात है तो चरोटी टोल प्लाजा और इससे मुंबई की ओर लगभग 500 मीटर का हिस्सा एक ब्लैक स्पाॅट है. यह सड़क सूर्य नदी पुल से पहले कर्व लेती है, क्योंकि एक डायवर्जन मुंबई की ओर जाता है. तीन लेन की यह सड़क संकरी होकर दो लेन की रह जाती है.


मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग के इस हिस्से में सुरक्षा मानकों की अनदेखी
वाहन चालकों को पुल पर पहुंचने से पहले चेतावनी देने के लिए कोई प्रभावी सड़क संकेतक या गति रोकने वाले रंबलर भी मौजूद नहीं हैं. यहीं पर गत 4 सितंबर को मुंबई की स्त्री रोग विशेषज्ञ अनाहिता पंडोले द्वारा तेज गति से चलाई जा रही कार सड़क के डिवाइडर से जा टकराई थी. इस दुर्घटना में गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री और उनके दोस्त जहांगीर पंडोले की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि अनाहिता और उनके पति डेरियस, जो आगे की सीट पर बैठे थे, गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि जो इस सड़क के रखरखाव के लिए जिम्मेदार हैं, उनकी ओर से इंडियन रोड कांग्रेस के सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों की अनदेखी की गई है. उन्होंने कहा कि सड़क भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के दायरे में आती है, लेकिन टोल वसूलने वाली निजी एजेंसी के पास रखरखाव की जिम्मेदारी है.

अधिकारी ने कहा कि दिशानिर्देशों के अनुसार, हाईवे पर हर 30 किलोमीटर पर एक एम्बुलेंस को स्टैंड-बाय पर रखा जाना चाहिए. क्रेन और गश्त करने वाले वाहन भी मौजूद होने चाहिए. अधिकारी ने कहा कि दिशा-निर्देशों के अनुसार, हाईवे पर हर 30 किलोमीटर पर एक एम्बुलेंस को स्टैंड.बाय पर रखा जाना चाहिए.

क्रेन और गश्त करने वाले वाहन भी मौजूद होने चाहिए. महाराष्ट्र पुलिस ने 4 सितंबर की दुर्घटना के मद्देनजर, सुरक्षा उपायों पर विशेषज्ञ राय के लिए केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान को लिखा है. साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान को राजमार्ग के उस हिस्से की सुरक्षा ऑडिट के लिए भी कहा है, जो महाराष्ट्र की सीमा के अंदर पड़ता है.

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