मुबंई। अभिनेत्री जूही चावला ने सोशल मीडिया पर भारत में 5जी तकनीक के रोलआउट के खिलाफ कोर्ट जाने के कारणों के बारे में बात करते हुए एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने वीडियो रिलीज कर अपनी सफाई में कहा कि, याचिकाकर्ता 5G के खिलाफ नहीं हैं और केवल इसे सुरक्षित प्रमाणित करना चाहते हैं। उनका मानना है कि मामले के इर्द-गिर्द ‘शोर’ में महत्वपूर्ण संदेश खो गया।
जूही चावला ने वीडियो में कहा कि, पिछले कुछ दिनों में इतना शोर हुआ है कि मैं खुद को सुन भी नहीं पाई। मुझे लगता है कि शोर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश खो गया है जो ये है कि, हम 5जी के खिलाफ नहीं हैं। दरअसल, हम इसका स्वागत कर रहे हैं। हम बस इतना पूछ रहे हैं कि अधिकारी इसे सुरक्षित प्रमाणित करें। हम उनसे सिर्फ अपनी स्टडी सार्वजनिक करने के लिए कह रहे हैं ताकि हमारा डर दूर हो जाए। उन्होंने आगे कहा कि, हम केवल यह जानना चाहते हैं कि यह बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अजन्मे बच्चों, वृद्ध और दुर्बल, वनस्पतियों और जीवों के लिए सुरक्षित है। हम बस यही पूछ रहे हैं।
5G पर किया था केस
जूही चावला ने 5जी तकनीक की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया था। अधिवक्ता दीपक खोसला के माध्यम से दायर किए गए इस मुकदमे में अधिकारियों से यह स्पष्ट करने की मांग की गई थी कि क्या इस टेक्नोलॉजी से प्रौद्योगिकी जीवित जीवों के लिए कोई खतरा है। इस मामले को बाद में न्यायमूर्ति जेआर मिधा की अध्यक्षता वाले उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने इसके बाद जूही चावला पर 20 लाख का जुर्माना भी लगाया था। मिधा ने कहा था कि, इस मामले में कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया है। वहीं उन्होंने ये भी कहा था कि, ऐसा प्रतीत होता है कि मुकदमा प्रचार के लिए था क्योंकि जूही चावला ने सोशल मीडिया पर सुनवाई का लिंक भी शेयर किया था। जूही, वीरेश मलिक और टीना वाचानी द्वारा दायर की गई मूल याचिका में दावा किया गया था कि 5जी के टेस्ट के कारण वातावरण को ऐसा नुकसान पहुंचेगा जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकेगी।
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