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20 हजार कांट्रेक्‍ट वर्करों की छटनी करेगी बीएसएनएल

नई दिल्‍ली। कोविड-19 संक्रमण काल में सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) करीब 20 हजार कांट्रेक्‍ट वर्करों (ठेका श्रमिकों) की छंटनी करने वाली है। इससे पहले कंपनी ने ऐसे ही 30 वर्करों की छंटनी कर चुकी है। ये हालात तब हैं, जबकि इन कांट्रेक्ट वर्करों को बीते एक साल से ज्‍यादा समय से वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन ने ये दावा किया है।

बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार को एक दिन पहले लिखे पत्र में यूनियन ने कहा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति और खराब हुई है। वहीं, विभिन्न शहरों में श्रमबल की कमी की वजह से नेटवर्क में खराबी की समस्या बढ़ी है। यूनियन ने कहा कि वीआरएस के बाद भी बीएसएनएल अपने कर्मचारियों को वक्‍त पर वेतन नहीं दे पा रही है।

यूनियन ने कहा कि पिछले 14 माह से भुगतान नहीं होने की वजह से 13 ठेका श्रमिक आत्महत्या कर चुके हैं। ज्ञात हो कि हाल ही में बीएसएनएल ने सभी मुख्य महाप्रबंधकों को आदेश जारी कर कांट्रेक्‍ट वर्करों पर खर्च को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने और ठेकेदारों के जरिए कांट्रेक्‍ट वर्करों से काम लेने में भी कटौती करने को कहा था।

बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन के महासचिव पी. अभिमन्‍यु ने कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड के करीब 30 हजार कांट्रेक्‍ट वर्करों (ठेका श्रमिकों) को पहले ही बाहर किया जा चुका है। अब करीब 20 हजार और ठेका श्रमिकों को बाहर करने की तैयारी चल रही है। यूनियन के महासचिव ने इसका पूरजोर विरोध किया है। (एजेंसी, हि.स.)

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