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7 Smart Tips जो Online Banking की सेफ़्टी के लिए ज़रूरी है

नई दिल्ली। बात चाहें बिल पेमेंट्स, फंड ट्रांसफर या फिक्स्ड डिपॉजिट की हो, इंटरनेट बैंकिंग के जरिए ये सब चीजें बेहद आसान हो गई हैं। बैंक जाकर लाइन में खड़े होने की जगह इंटरनेट बैंकिंग के जरिए इन सभी कामों को कुछ क्लिक पर आसानी से किया जा सकता है। लेकिन जरूरी है कि फिशिंग, फ्रॉड के चलते आपकी निजी बैंकिंग जानकारी चोरी ना हो, इसके लिए नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते समय कुछ जरूरी टिप्स को ध्यान में रखें।

अपना पासवर्ड नियमित तौर पर बदलें : जब आप पहली बार इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट में लॉगइन करते हैं तो आपको बैंक द्वारा दिए जाने वाले पासवर्ड की जरूरत होगी। हालांकि, अकाउंट को सेफ रखने के लिए जरूरी है कि इस पासवर्ड को बदल दें। इसके साथ ही आपको नियमित तौर पर अपने पासवर्ड को बदलते रहना चाहिए। सबसे जरूरी बात कि अपने पासवर्ड को कॉन्फिडेंशल रखें।


पब्लिक कंप्यूटर पर ना करें लॉगइन : साइबर कैफे या लाइब्रेरी में कॉमन कंप्यूटर पर अपना बैंक अकाउंट लॉगइन करने से बचें। इन जगहों पर आपके पासवर्ड को ट्रैक किए जाने व दूसरे लोगों द्वारा देखे जाने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। अगर आपको ऐसी जगहों से लॉगइन करना पड़ता है तो सुनिश्चित करें कि कैश और ब्राउजिंग हिस्ट्री क्लियर कर दें और कंप्यूटर से सभी टेंपरेरी फाइल्स डिलीट कर दें। इसके अलावा ब्राउजर में कभी अपनी आईडी और पासवर्ड सेव ना करें।

अपनी डीटेल्स किसी के साथ शेयर ना करें : ध्यान रहे कि बैंक कभी भी फोन या ईमेल के जरिए आपकी कॉन्फिडेंशल जानकारी नहीं पूछेगा। इसलिए अगर आपको बैंक से ऐसी कोई फोन कॉल या ईमेल आए जिसमें आपकी जानकारी मांगी जाए तो ना दें। बैंक के ऑफिशल लॉगइन पेज पर ही आईडी और पासवर्ड के साथ लॉगइन करें जो सिक्यॉर होती है। इसके लिए सुनिश्चित करें कि URL की शुरुआत में ‘https://’ हो, इसका मतलब होता है कि वेबसाइट सिक्यॉर है।


अपना सेविंग अकाउंट नियमित तौर पर चेक करते रहें : किसी भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बाद अपना अकाउंट चेक करें। आपके अकाउंट से निकाले गए अमाउंट को वेरिफाई करें। अगर आपको अमाउंट में किसी तरह की हेरफेर दिखती है तो बैंक को तुरंत सूचित करें।

हमेशा लाइसेंस वाले एंटी-वायरस का इस्तेमाल करें : नए वायरस से अपने कंप्यूटर की सुरक्षा के लिए यह सुनिश्चित करें कि आपके पास लाइसेंस वाला एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर हो। एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का पायरेटेड वर्जन फ्री उपलब्ध हो सकता है लेकिन ये ऑनलाइन दुनिया में आने वाले नए वायरस से आपके कंप्यूटर की सुरक्षा करने में असफल हो सकते हैं। इसके अलावा, आपको लाइसेंस वाले सॉफ्टवेयर में आपको अपडेट के लिए रेगुलर नोटिफिकेशन भी मिलेंगी। ध्यान रखें कि अपने एंटी-वायरस को अपडेटेड रखें ताकि आपकी गोपनीय जानकारी हमेशा सुरक्षित रहे।


इस्तेमाल ना होते समय इंटरनेट कनेक्शन डिस्कनेक्ट कर दें : अधिकतर ब्रॉडबैंड यूजर्स इस्तेमाल ना होने के दौरान भी अपने इंटरनेट कनेक्शन को डिस्कनेक्ट नहीं करते हैं। मैलिशस हैकर्स इंटरनेट कनेक्शन के जरिए आपके कंप्यूटर को ऐक्सिस करके आपकी कॉन्फिडेंशल बैंकिंग जानकारी चुरा सकते हैं। अपने डेटा को प्रोटेक्टेड रखने के लिए जरूरी है कि आप जरूरत ना होने पर इसे डिस्कनेक्ट कर दें।

अपना इंटरनेट बैंकिग URL टाइप करें : किसी ईमेल में आए लिंक पर क्लिक करने से बेहतर है कि ब्राउज़र के अड्रेस बार में बैंक URL टाइप करें। कई बार फ्रॉड ऐसी फर्जी वेबसाइट के लिंक ईमेल में भेजते हैं जो दिखने में हूबहू ऑरिजिनल वेबसाइट की तरह दिखती हैं। एक बार इस वेबसाइट पर लॉगइन डीटेल्स एंटर करने पर आपके अकाउंट का ऐक्सिस किसी और को मिल सकता है और आपके पैसे चोरी किए जा सकते हैं। लॉगइन करते समय URL में हमेशा ‘https://’ चेक करें और सुनिश्चित करें कि यह बैंक की ऑथेंटिक वेबसाइट हो।

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