अयोध्या । मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र (Nripendra Mishra Chairman of Temple Construction Committee) ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का 99 प्रतिशत काम (99 percent of Ram Temple Work In Ayodhya) पूरा हो चुका है (Has been Completed) । 2000 क्यूबिक पत्थर मंदिर के अगल-बगल लगना है। मुख्य मंदिर में कोई पत्थर नहीं लगना है। प्रथम तल, द्वितीय तल और भूतल सब पूर्ण हो चुका है। प्रथम तल में रामदरबार मई माह में विराजमान हो जाएगा। उसके बारे में न्यास कार्यक्रम तय करेगा।
नृपेंद्र मिश्र ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारा ध्यान मंदिर के साथ परकोटा में गति देने का है। कुछ नए निर्माण कार्य हैं जिन्हें पूर्ण करना है। उत्तरी तरफ अस्थाई कार्यालय के हिस्से को तोड़कर योजना के अनुसार हॉर्टिकल्चर वगैरह का काम किया जाएगा। नॉर्दर्न गेट भी लगभग पूर्ण हो गया है। 15 में तक वह पूरा हो जाएगा। दिसंबर 2025 में मंदिर निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
समिति के अध्यक्ष ने कहा कि जो सामाजिक समरसता मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने सभी के समक्ष प्रस्तुत की थी, उसी के अनुसार सातों मंदिर, महर्षि वाल्मीकि से लेकर निषाद राज, शबरी, अहिल्या, अगस्त मुनि, वशिष्ठ जी, इन सब के मंदिर पूर्ण हो गए हैं और मूर्तियां पहुंच गई हैं। सातों मंदिर के बीच में एक जलताल पुष्कर्णी का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, जो अपने आप में अनोखा था। जब देखा गया तो उसमें बंदर समूह स्नान कर रहे थे। शिखर का निर्माण भी 99 फीसदी पूरा हो गया है। शिखर के ऊपर कलश रखने का कार्य भी हो गया है।
मिश्रा ने बताया कि परकोटा में जो मंदिर है, उसमें कलश रखना है, उसकी भी पूजा हो गई है। अब से 30 अप्रैल के बीच में वहां भी कलश रख दिया जाएगा। उन मंदिरों में जिन देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी जानी हैं, वे भी रख दी जाएंगी। धीरे-धीरे हम लोग अपने लक्ष्य की ओर पहुंच रहे हैं। हालांकि विलंब हुआ है, उसके लिए क्षमा चाहता हूं। गोस्वामी तुलसीदास की मूर्ति का अनावरण होगा, उसके बाद श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। एक दिशा में कदम उठ जाएगा। कल हम सबने मिलकर संग्रहालय में आगे का कार्य बढ़ाने के लिए चर्चा की है। उसमें बहुत सा निर्माण और विस्तार का काम किया जाना था। अगले तीन माह में पांच गैलरी का कार्य पूर्ण कर पाए तो श्रद्धालुओं को वहां जाने की एक सुविधा मिल सकेगी।
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