नई दिल्‍ली (New Dehli)। मालदीव (maldives)की संसद में रविवार को विशेष सत्र के दौरान सत्तापक्ष (ruling party)और विपक्ष के सांसदों (MPs)में जमकर मारपीट हुई। इससे संसद की कार्यवाही बाधित (proceedings disrupted)हो गई। इस विशेष सत्र का आयोजन राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के अनुमोदन के लिए किया गया था। संसद में हंगामे के कारण मुइज्जू सरकार का बड़ा फैसला अटक गया। खबरों के मुताबिक मालदीव में संसदीय अनुमोदन पर महत्वपूर्ण मतदान निर्धारित था। लेकिन सांसदों के बीच लड़ाई के कारण संसद की कार्यवाही बाधित हुई।


स्थानीय ऑनलाइन पोर्टल अधाधु की तरफ से साझा किए गए वीडियो में सत्तारूढ़ गठबंधन की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) और प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के सांसद विपक्षी मालदीव डेमोक्रेकिट पार्टी (एमडीपी) के सदस्यों से भिड़ते नजर आ रहे हैं। सांसद लात-घूंसे चला रहे हैं। अधाधु के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों की तरफ से विपक्षी सांसदों को चैंबर में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद मारपीट शुरू हुई।

दरअसल, विपक्षी दल एमडीपी ने मुइज्जू कैबिनेट के चार सदस्यों के मंत्री के रूप में अनुमोदन से इन्कार कर दिया था। एमडीपी के पास संसद में बहुमत है। पीएनसी व पीपीएम के मुताबिक, चार सदस्यों की मंजूरी रोकने का एमडीपी का कदम लोगों को दी जाने वाली सेवाओं में बाधा डालने जैसा है। मुइज्जू के मुख्य सलाहकार व पीएनसी अध्यक्ष अब्दुल रहीम अब्दुल्ला ने बिना अनुमति के भी मंत्रियों के दोबारा नियुक्त होने के अधिकार का बचाव किया।

एंबुलेंस बुलाने की नौबत आई

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव की संसद में हंगामे की वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुई। इसमें शहीम ईसा का पैर पकड़ते और एक साथ गिरते देखे जा सकते हैं। एक अन्य वीडियो में ईसा को शहीम की गर्दन पर लात मारते और बाल खींचते भी देखा गया। वीडियो फुटेज में संसद में मौजूद अन्य सदस्य शहीम को बाहर की तरफ धकेलते देखे गए। स्थानीय मीडिया ने बताया कि संसद सदस्य को चोट भी लगी, जिसके कारण एंबुलेंस बुलानी पड़ी।

राष्ट्रपति के सलाहकार बोले- मंत्रियों को फिर से नियुक्त होने का अधिकार

खबर के मुताबिक मंत्रियों को संसद में दोपहर 1.30 बजे मौजूद रहना था। हालांकि, पीएनसी सदस्यों ने कार्यवाही बाधित की। प्रदर्शनकारियों ने संसद के अध्यक्ष और मंत्रियों को हटाने की मांग भी की। मालदीव में सत्तारूढ़ राष्ट्रपति मुइज्जू की गठबंधन सरकार में शामिल दलों- पीएनसी और पीपीपी ने भी संसद में हिंसा और हंगामे पर बयान जारी किया। मुइज्जू के मुख्य सलाहकार और पीएनसी के अध्यक्ष अब्दुल रहीम अब्दुल्ला ने कहा कि मंत्रियों को फिर से नियुक्त होने का अधिकार है। उन्होंने मंत्रियों की तरफ से मंजूरी न दिए जाने को गैरजिम्मेदाराना करार दिया।

बता दें कि मालदीव के दो विपक्षी दल मौजूदा शासन की नीतियों के खिलाफ जमकर बयान दे रहे हैं। मुइज्जू शासन के भारत विरोधी रुख को लेकर मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और डेमोक्रेट्स ने संयुक्त बयान जारी किया। इन दलों ने विदेश नीति में बदलाव को मालदीव के दीर्घकालिक विकास के लिए ‘बेहद हानिकारक’ करार दिया।

विपक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि मालदीव की स्थिरता और सुरक्षा के लिहाज से हिंद महासागर में स्थिरता महत्वपूर्ण है। एमडीपी और डेमोक्रेट दोनों ने मालदीव के लोगों के लाभ के लिए सभी भागीदारों के एकसाथ काम करने की जरूरत बताई। विपक्षी दलों ने मुइज्जू को याद दिलाया कि मालदीव ने पारंपरिक रूप से सहयोग जारी रखा है।

वीडियो

Maldives: मालदीव की संसद में चले लात-घूंसे, मुइज्जू सरकार का अहम फैसला अटका, वीडियो वायरल

नई दिल्‍ली (New Dehli)। मालदीव (maldives)की संसद में रविवार को विशेष सत्र के दौरान सत्तापक्ष (ruling party)और विपक्ष के सांसदों (MPs)में जमकर मारपीट हुई। इससे संसद की कार्यवाही बाधित (proceedings disrupted)हो गई। इस विशेष सत्र का आयोजन राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के अनुमोदन के लिए किया गया था। संसद में हंगामे […]