नई दिल्ली। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेना के तीनों अंगों जल-थल-नभ ने 21 से 25 जनवरी तक संयुक्त युद्धाभ्यास एम्फेक्स-21 किया। इस अभ्यास में जमीन, हवा और पानी तीनों तरह के युद्ध सैनिक, नौसेना के जहाज और वायु सेना के लड़ाकू एवं अन्य विमान शामिल हुए।
प्रवक्ता के अनुसार इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य अपने द्वीप क्षेत्रों की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भारत की क्षमताओं का सत्यापन करना था। इसमें सेना के तीनों अंगों के बीच परिचालन तालमेल और संयुक्त रूप से युद्ध लड़ने की क्षमताओं को बढ़ाने का उद्देश्य भी शामिल था। इस अभ्यास में उभयचर लड़ाकू युद्धपोतों, निगरानी प्लेटफार्मों, समुद्र में हवाई हमले तथा जटिल युद्धाभ्यास द्वारा बहुआयामी सामुद्रिक ऑपेरशन शामिल किये गए। अभ्यास के दौरान हवा से नौसेना के समुद्री कमांडोज का प्रवेश, सेना के विशेष बलों की हवाई प्रविष्टि, नौसेना का गनफायर सपोर्ट, ज़मीन, आकाश और जल से सैन्य बलों की लैंडिंग एवं इसके बाद किए जाने वाले अनुवर्ती ऑपरेशन भी शामिल किये गए।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की रक्षा के लिए कवच युद्धाभ्यास भी एम्फेक्स-21 के भाग के रूप में आयोजित किया गया। एकीकृत मुख्यालय स्टाफ के तत्वावधान में निगरानी और टोही अभ्यास भी एक साथ चलाया गया ताकि कई संवेदकों का इस्तेमाल कर समुद्री डोमेन जागरुकता को प्राप्त किया जा सके। एजेंसी
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