
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा पार्षदों के लिए तय कए गए क्राइटेरिया का पार्टी में जमकर विरोध हो रहा है। कमलनाथ के क्राइटेरिया से टिकट बंटे तो कई वार्डों में कांग्रेस के पास पार्षद प्रत्याशी के लिए चर्चित चेहरा भी नहीं है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी वार्ड के मूल निवासी को पार्षद का चुनाव लड़ाने के क्राइटेरिया में छूट दे सकती है। संभवत: नामों पर सहमति बनने के बाद कांग्रेस नगर निगमों के लिए टिकटों का ऐलान कर सकती है। कमलनाथ द्वारा तय किए गए क्राइटेरिया की वजह से भोपला समेत इंदौर, जबलपुर-ग्वालियर में पार्षदों के नाम तय नही हेो पा रहे हैं और विरोध के स्वर उठ रहे हैं। उन नेताओं के चेहरों पर मायूसी है, जो रिजर्वेशन गड़बड़ाने से दूसरे वार्ड से चुनाव लडऩा चाह रहे थे। माना जा रहा है कि 16 या 17 जून को लिस्ट सामने आएगी। कुछ जिलों के लिए फरमान में बदलाव की मांग भी उठाई जा रही है।
नए सिरे से लिस्ट पर किया जा रहा काम
भोपाल में 12 जून को ही लिस्ट आने के आसार थे। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बंगले पर मीटिंग में कई नामों पर सहमति भी बन गई थी, लेकिन कमलनाथ के क्राइटेरिया के बाद पार्षदों के नामों की फ्रेमिंग ही बदल गई है। अब नए सिरे से लिस्ट पर काम किया जा रहा है। इस कारण 13 जून को भी लिस्ट घोषित नहीं हो पाई। जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा का कहना है कि दो-तीन दिन में लिस्ट जारी हो सकती है। वरिष्ठों की सहमति और जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा।
ग्वालियर में कांग्रेसियों को झटका
ग्वालियर में अभी भाजपा-कांग्रेस की ओर से पार्षद प्रत्याशी नाम घोषित नहीं किए गए हैं। कमलनाथ का नया आदेश कई वार्ड में गले की हड्डी बन गया है। अब पीसीसी चीफ के आदेश के आधार पर ही काम किया जा रहा है। इसके बाद ही कांग्रेस की सूची जारी होगी। मंगलवार को नामों की घोषणा हो सकती है। ऐसे कई उम्मीदवार जो आरक्षण के समीकरण के बाद दूसरे वार्ड में राजनीतिक जमीन तलाश रहे थे, उनको झटका लगा है।
कमलनाथ का ये आदेश
दो दिन पहले कमलनाथ ने नगरीय निकाय चुनाव में टिकट वितरण को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। इसके तहत दावेदार जिस वार्ड के मतदाता हैं, उसे वहीं से टिकट देने के निर्देश दिए हैं। किसी भी उम्मीदवार का वार्ड परिवर्तन नहीं होगा। आदेश के बाद अंदरूनी तरीके से विरोध भी हो रहा है। कई वरिष्ठ नेता बदलाव की मांग करने लगे हैं।
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