
इंदौर। कांजीलाल दामके निवासी राजेंद्र नगर की बेटी का विवाह 2019 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (Chief Minister Kanyadan Yojna) के तहत हुआ, लेकिन आज तक 52 हजार की प्रोत्साहन राशि (incentive amount) नहीं मिल सकी। 3 साल तक अधिकारियों से आश्वासन मिला और अब पता चला कि राशि गलत खाते में डाल दी गई। जिसके खाते में रकम डाली गई उसने खाता ही बंद करवा दिया।
सामाजिक न्याय नि:शक्तजन कल्याण विभाग (Social Justice Disabled Welfare Department) और नगर निगम (Municipal Corporation) के माध्यम से मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने प्रदेश की गरीब कन्याओं (girls) को लाभ दिलाने की पहल तो की, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते मामा की भानजियो ं और बेटियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा। नगर निगम के कर्मचारियों ने जहां रिकॉर्ड में खाता नंबर गलत चढ़ा दिया तो सामाजिक न्याय विभाग ने पुष्टि किए बगैर ही पैसा गलत खाते में ट्रांसफर कर दिया। पिता कांजीलाल दामके ने बताया कि 14 मई 2019 को कुंदन नगर हरिराम मंदिर में आयोजित सामूहिक विवाह में बेटी का विवाह कराया था, जिसके तहत 52000 की राशि शासन से मिलना थी। एक साल तक अधिकारियों के चक्कर काटे, पर वे टालते रहे। कोरोना काल के बाद अब भी 3 साल से अपनी बेटी के हक का पैसा लेने के लिए कलेक्टोरेट के चक्कर काट रहे हैं।
3 साल मेंं 3 बार सीएम हेल्पलाइन पर की शिकायत
3 साल में 3 बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बावजूद मामले का निराकरण नहीं हो पा रहा है। हर बार अधिकारी बातों में उलझाकर शिकायत बंद करवा देते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग अब बैंक से उस गलत खाते की जानकारी निकाल रहा है। हालांकि खाताधारक ने पैसा निकालकर खाता बंद करवा दिया है।
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