मथुरा। कार्तिक माह (Kartik month) में तुलसी की पूजा का विशेष विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस महीने तुलसी पूजा करने से भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते हैं, जहां भगवान श्री हरि (Lord Shri Hari) होते हैं, वहीं मां लक्ष्मी जी का भी वास होता है। कार्तिक की पूजा में भगवान श्रीहरि को तुलसी (basil) चढ़ाने का फल 10 हजार गोदान के बराबर माना गया है। वहीं सप्तदेवालयों में कार्तिक नियम व्रत सेवा अंतर्गत तुलसी पूजन एवं दीपदान (Tulsi worship and lamp) के लिए भक्त उमड़ रहे हैं।
ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में तुलसी नामाष्टक का पाठ करने और सुनने से लाभ दोगुना हो जाता है। जिन दंपतियों को संतान का सुख न मिला हो, उन्हें भी तुलसी पूजा करनी चाहिए। वैसे तो पूरे कार्तिक मास में ही तुलसी के सामने दीपक जलाना चाहिए लेकिन यदि किसी कारणवश दीपक नहीं जलाया है तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरे 31 दीपक जलाकर अपने घर और गृहस्थी के लिए सौभाग्य (Good luck) की कामना करनी चाहिए। ठा. राधादामोदर मंदिर के सेवायत कृष्णबलराम गोस्वामी (Sevayat Krishnabalarama Goswami) ने बताया कि कार्तिक मास में सप्तदेवालयों में नियम व्रत सेवा महोत्सव अंतर्गत देश-विदेश से आए भक्त सुबह से ही भगवान की सेवा पूजा के साथ-साथ तुलसी पूजन अर्चन एवं तुलसी नामाष्टक का पाठ कर रहे हैं। नहीं शाम को तुलसी के समक्ष दीपदान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में सोमवार देर रात करीब 1:15 बजे भूकंप के झटके (Tremors of earthquake) महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) ने भूकंप की पुष्टि की है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने (Richter scale) पर भूकंप की तीव्रता 4.8 दर्ज गई है। भूकंप पाकिस्तान की राजधानी […]
नई दिल्ली। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है. हरतालिका तीज(Hartalika Teej ) का व्रत इस साल मंगलवार, 30 अगस्त को रखा जाएगा. विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं. इस दिन व्रती महिलाएं नर्जला […]
भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के जनक कहे जाने वाले आचार्य चाणक्य का नीतिशास्त्र इंसान के लिए काफी उपयोगी माना गया है। चाणक्य की नीतियों के बल पर कई राजाओं ने अपना शासन चलाया है। इन्हीं नीतियों के बल पर चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बना दिया। आपको बता दें आचार्य चाणक्य को विष्णुगुप्त और […]
ज्योतिषशास्त्र (Astrology) में शनि ग्रह का विशेष महत्व होता है। वैसे तो ज्योतिष शास्त्रो (Astrology) के अनुसार शनि को कई नामों से जाना जाता है, जैसे मन्दगामी, सूर्य-पुत्र, शनिश्चर और छायापुत्र आदि। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, इसलिए मंदगामी कहलाते हैं। यही वजह है कि 14 जनवरी को […]