img-fluid

साल की आखिरी सफला एकादशी कब? यहां जानें तारीख, शुभ मुहूर्त व नियम

November 26, 2022

नई दिल्‍ली। हिंदू धर्म में सभी व्रतों में सबसे कठिन व्रत एकादशी का होता है. इस दिन व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को पिछले जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है. और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. हर माह एकादशी के दो व्रत रखे जाते हैं. मार्गशीर्ष माह के बाद पौष माह की आता है और इस माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस बार सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) 19 दिसंबर को पड़ रही है. और ये इस साल की आखिरी एकादशी है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति को सभी दुखों से छुटकारा मिलता है. इस दिन पूजा-पाठ से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं सफला एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.


सफला एकादशी 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार सफला एकादशी का व्रत 19 दिसंबर 2022, सोमवार के दिन रखा जाएगा. ये इस साल की आखिरी एकादशी होगी. बता दें कि एकादशी तिथि का आरंभ पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 19 दिसंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर 20 दिसंबर 2022 सुबह 02 बजकर 32 मिनट कर रहेगी.

सफला एकादशी व्रत में इन नियमों का रखें ध्यान
जो लोग एकादशी का व्रत नहीं करते हैं, उन्हें इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
एकादशी तिथि को पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि जागरण करते हुए श्री हरि विष्णु का स्मरण करना चाहिए।
एकादशी व्रत को कभी हरि वासर समाप्त होने से पहले पारण नहीं करना चाहिए।
इसी तरह से द्वादशी समाप्त होने से पहले ही एकादशी व्रत का पारण कर लेना चाहिए।
शास्त्रों में द्वादशी समाप्त होने के बाद व्रत का पारण करना पाप के समान माना जाता है।
यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही हो तो इस स्थिति में सूर्योदय को बाद व्रत का पारण किया जा सकता है।
द्वादशी तिथि के दिन प्रातः पूजन व ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए।

सफला एकादशी का महत्व
शास्त्रों में सफला एकादशी का विशेष महत्व (special significance) बताया जाता है. पुराणों के अनुसार युधिष्ठिर के पूछने पर भगवान श्री कृष्ण (lord shri krishna) ने बताया कि उन्हें बड़े से बड़े पूजा अनुष्ठान और यज्ञों से इतना संतोष नहीं मिलता, जितना एकादशी का व्रत रखने से मिलता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है. साथ ही, जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा और व्रत करता है, उसे मृत्यु के बाद बैकुंठ की प्राप्ति होती है. साथ ही, व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली की प्राप्ति होती है.

नोट– उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के लिए है हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं। इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले।

Share:

  • Alia Bhatt ने बताया बेटी का नाम और समझाया अर्थ

    Sat Nov 26 , 2022
    फिल्म अभिनेत्री आलिया भट्ट (Alia Bhatt) इन दिनों अपनी मदरहुड लाइफ इंजॉय कर रही हैं। हाल ही में एक प्यारी सी बेटी की माँ बनी आलिया भट्ट (Alia Bhatt) ने भले ही फैंस को अपनी बेटी का चेहरा अब तक नहीं दिखाया है। लेकिन अब उन्होंने अपनी बेटी के नाम से पर्दा जरुर हटा दिया […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved