नई दिल्ली। अफ्रीका से जल्द ही 12 से 14 और चीते भारत लाए जाएंगे. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Union Environment Minister Ashwini Kumar Choubey) ने राज्यसभा ने यह अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अगले पांच सालों में अफ्रीका से 12 से लेकर 14 चीतों (Cheetahs) को भारत लाया जाएगा. इसके लिए भारत सरकार ने नामीबिया की सरकार के साथ एक समझौता भी किया है.
हाल ही में नामीबिया (Namibia) से आठ चीतों को भारत लाकर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में छोड़ा गया था. इसमें 5 मादाएं और 3 नर शामिल थे. कूनो में अच्छी तरह से रच-बस जाने के बाद चीतों ने वहां पर शिकार भी शुरू कर दिया है.
संसद में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट टाइगर (project tiger) के तहत भारत में चीतों की दोबारा वापसी के लिए 38.7 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. यह परियोजना 2021/22 से शुरू होकर 2025/26 तक चलेगी.
आगे जानकारी देते हुए अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में लाए गए 8 चीते पूरी तरह से ठीक हैं. उनकी 24 घंटे निगरानी की जा रही है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने नए घर में अच्छा अनुभव कर रहे हैं.
नामीबिया से लाए गए सभी चीतों को कुछ समय तक क्वारंटीन रखा गया था. इसके बाद उन्हें बाड़े में छोड़ा गया था. आखिर में छोड़े गए चीतों में 3 मादा चीता शामिल थीं, जिन्हें पिछले महीने ही बड़े बाड़े में छोड़ा गया है. कूनो के फील्ड निदेशक उत्तम शर्मा ने बताया कि अब सभी चीते सामंजस्य स्थापित करेंगे और जंगल का पता लगाएंगे. अपना पेट भरने के लिए चीते शिकार भी करेंगे.
उत्तम शर्मा ने बताया कि नर चीते शिकार करने में अभ्यस्त हो गए हैं. उम्मीद है कि जल्द ही मादाएं भी इसमें महारत हासिल कर लेंगी. चीतों पर चार हई-रिजॉल्यूशन कैमरों से नजर रखी जाएगी. 16 वन रक्षकों की एक टीम उनकी निगरानी करेगी. हर चीते की निगरानी पर 2 वन रक्षकों को लगाया जाएगा. सुरक्षा के लिए एक स्निफर डॉग भी लगाया जाएगा.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, असली बड़ी चुनौती जंगल में उनकी रिहाई के बाद होगी. इसके बाद इन्हें एक नए निवास स्थान में रहना, सीखना और शिकार करना सीखना होगा. इस दौरान इन्हें क्षेत्र में घूमने वाले 45 तेंदुओं और एक बाघ से निपटना होगा.
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