टेक्‍नोलॉजी

PM मोदी के विजन का असर, भारत से होने लगा 45000 करोड़ फोन का निर्यात

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि 2023 में भारत से मोबाइल फोन सबसे बड़ी 10 निर्यात श्रेणी में आने वाले खंड के साथ निर्यात हों. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को और बेहतर करने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे.

सरकार देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी और 2023 में मोबाइल फोन निर्माण से परे मैन्युफैक्चरिंग बेस को बढ़ाने पर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि 2023 के लिए प्रधानमंत्री मोदी का विजन 1 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का निर्यात है, जिसमें सबसे बड़ी 10 निर्यात श्रेणी में मोबाइल फोन शामिल हैं.

बता दें कि भारत मोबाइल फोन निर्यात क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है, यहां से मोबाइल निर्यात लगभग 45,000 करोड़ रुपये का है और इसमें दो कंपनियों एप्पल और सैमसंग का दबदबा था. मंत्री ने कहा कि सरकार मोबाइल फोन से परे इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को व्यापक बनाने के लिए काम कर रही है ताकि हियरेबल्स और वियरेबल्स सेगमेंट, आईटी हार्डवेयर, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स इत्यादि में हिस्सेदारी बढ़ाई जा सके.

इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मेकर्स बॉडी ELCINA की एक स्टडी के मुताबिक, साल 2020-21 में कंपोनेंट्स की मांग लगभग 70 बिलियन डॉलर (5.8 लाख करोड़ रुपये) के उद्योग के लिए 32 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2.65 लाख करोड़ रुपये) थी और इसमें से बमुश्किल 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर (82,000 करोड़ रुपये) के इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्माण ज्यादातर आयातित कच्चे माल के साथ स्थानीय स्तर पर किया गया था. जबकि मंत्री ने विशिष्ट उपायों के बारे में विस्तार से नहीं बताया.


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इससे जुड़ी प्रोत्साहन योजना लाने का विचार कर रही है. मंत्री ने बताया कि हम इकोसिस्टम को व्यापक और गहरा करके अपने मोबाइल फोन की सफलताओं को पूरा करने जा रहे हैं. सेमीकंडक्टर स्पेस में गहन रणनीति रही है. यह बहुत स्पष्ट है कि हम अपने घटक उद्योग में और अधिक करना चाहते हैं. देश मोबाइल फोन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. हम आईटी सर्वर, आईटी हार्डवेयर, हियरेबल्स और वियरेबल्स सेगमेंट के क्षेत्र में अच्छा करना चाहते हैं.

भारतीय ब्रांड बोट (BOAT) और बोल्ट हियरेबल्स और वियरेबल्स सेगमेंट में विश्व में सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांडों में शामिल हो गए. मार्केट रिसर्च फर्म रिसर्च एंड मार्केट्स के अनुसार, साल 2022 में भारतीय सर्वर बाजार का मूल्य 1.6 बिलियन अमरीकी डॉलर था और इसके 7.19 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है.

चंद्रशेखर ने कहा कि हम आईटी हार्डवेयर और सर्वर में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना चाहते हैं. हम आज उस क्षेत्र में बहुत छोटे खिलाड़ी हैं. हम सुनने योग्य उपकरणों में घटकों और वैश्विक बाजार हिस्सेदारी में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना चाहते हैं. यह प्रधान मंत्री का लक्ष्य है और उद्देश्य है कि इन सभी क्षेत्रों में, हम वैश्विक उद्यमों और उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण विश्वसनीय भागीदार बनना चाहते हैं.

यदि इसके लिए किसी अतिरिक्त पीएलआई या नीति की आवश्यकता होती है तो हम इसे जरूर करेंगे. आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना के तहत सरकार ने आईटी हार्डवेयर निर्माण के लिए 14 कंपनियों का चयन किया था जिनमें डेल, राइजिंग स्टार्स, फ्लेक्सट्रोनिक्स टेक्नोलॉजीज, लावा इंटरनेशनल, डिक्सन टेक्नोलॉजीज आदि शामिल हैं.

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