मुंबई (Mumbai)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक विशेष अदालत ने गैंगस्टर छोटा राजन (Gangster Chhota Rajan) को ट्रेड यूनियन नेता दत्ता सामंत हत्याकांड मामले (Trade union leader Dutta Samant murder case) में बरी कर दिया। विशेष अदालत ने छोटा राजन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
अदालत ने कहा कि यह साबित करने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि राजन जिसका असली नाम राजेंद्र सदाशिव निकालजे है, उसने साजिश रची थी] हालाँकि, राजन के जल्द ही जेल से रिहा होने की संभावना नहीं है क्योंकि वह विभिन्न शहरों में दर्जनों मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा है, जिनमें से कई हत्या के मामले हैं।
अदालत ने कहा कि महत्वपूर्ण गवाह मुकर गए हैं। वे अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं करते हैं। अन्य गवाहों की गवाही आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। मुकदमे के पहले चरण में जुलाई 2000 में फैसला सुनाया गया।
राजन के खिलाफ मामले में गैंगस्टर गुरु साटम और राजन के भरोसेमंद लेफ्टिनेंट रोहित वर्मा को फरार आरोपी के रूप में दिखाया गया था और उनका मुकदमा अलग कर दिया गया था। राजन को अक्तूबर 2015 में इंडोनेशिया के बाली से गिरफ्तार किया गया था। बाद में उनके खिलाफ दर्ज सभी मामले सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिए।
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