ढाका। भारत ने बांग्लादेश की राजधानी में एक दुर्गा मंदिर (Durga Temple in Bangladesh) को नष्ट करने की निंदा की. भारत ने कहा कि यह घटना देश के हिंदू अल्पसंख्यकों (Hindu minorities) और उनके धार्मिक संस्थानों की रक्षा करने में ढाका की अंतरिम सरकार की अक्षमता को दर्शाती है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह टिप्पणी की है. पिछले साल अगस्त में शेख हसीना सरकार के पतन और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रशासन की स्थापना के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में तेजी से गिरावट देखी जा रही है. भारत ने बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों के दमन को रोकने में विफलता के लिए कई मौकों पर अंतरिम सरकार की आलोचना की है. मंदिर को तोड़े जाने से हिंदुओं में जबरदस्त गुस्सा है.
भारत और बांग्लादेश के बीच 1996 की गंगा जल संधि के रिनिवल के लिए बातचीत चल रही है. इस बीच जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि नई दिल्ली, पारस्परिक रूप से सकारात्मक बातचीत के लिए अनुकूल वातावरण में ढाका के साथ सभी मामलों पर बातचीत करने के लिए तैयार है. जायसवाल ने ढाका में दुर्गा मंदिर को ध्वस्त करने के लिए बांग्लादेशी अधिकारियों की आलोचना की. उन्होंने कहा, “हमें पता चला है कि चरमपंथी ढाका के खिलखेत में दुर्गा मंदिर को ध्वस्त करने के लिए शोर मचा रहे थे.” उन्होंने कहा, “अंतरिम सरकार ने मंदिर को सुरक्षा प्रदान करने के बजाय इस घटना को अवैध भूमि उपयोग के रूप में पेश किया और गुरुवार को मंदिर को नष्ट करने की अनुमति दी.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “इससे मूर्ति को नुकसान पहुंचा है, इसे स्थानांतरित किया जा सकता था. हम इस बात से निराश हैं कि बांग्लादेश में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं.” जायसवाल ने हिंदुओं, उनकी संपत्तियों और धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा के लिए बांग्लादेशी अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी पर जोर दिया. उन्होंने गंगा जल संधि के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश 54 सीमा पार नदियों को साझा करते हैं, जिनमें गंगा भी शामिल है. उन्होंने कहा, “इस सहयोग का हिस्सा बनने वाले सभी प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए, दोनों देशों के पास एक द्विपक्षीय तंत्र है, जिसे संयुक्त नदी आयोग कहा जाता है. हम अपने दृष्टिकोण को तैयार करने के लिए ऐसे मुद्दों पर अपने आंतरिक परामर्श में संबंधित राज्य सरकारों के साथ भी परामर्श करते हैं.”
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved