img-fluid

आतंकी संगठन TRF को लेकर NIA का बड़ा खुलासा, मलेशिया के रास्ते मिल रही फंडिंग, लाखों रुपये जुटाए

September 04, 2025

नई दिल्‍ली । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के प्रॉक्सी संगठन, द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ अपनी जांच में महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं। एनआईए (NIA) ने श्रीनगर (Srinagar) के एक व्यक्ति के मोबाइल फोन से 450 से अधिक कॉन्टैक्ट लिस्ट हासिल की है, जिससे टीआरएफ को धन मुहैया कराने वालों की पहचान करने में मदद मिली है। बता दें कि यह संगठन 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) की जिम्मेदारी लेने के बाद बाद इससे पीछे हट गया था।

जांच के दौरान, एनआईए को मलेशिया के जरिए हवाला मार्ग के संभावित इस्तेमाल का पता चला है जिससे टीआरएफ को फंडिंग की जा रही थी। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जांच में मलेशिया निवासी सज्जाद अहमद मीर का नाम सामने आया है। एक अन्य संदिग्ध, यासिर हयात के फोन कॉल डिटेल से पता चला कि वह मीर के संपर्क में था और पैसों की व्यवस्था कर रहा था।

रिपोर्ट के अनुसार, हयात ने टीआरएफ के लिए धन जुटाने के लिए कई बार मलेशिया की यात्रा की। हयात ने मीर की मदद से टीआरएफ के लिए 9 लाख रुपये जुटाए, जो संगठन के एक अन्य ऑपरेटिव शफात वानी को दिए गए। वानी टीआरएफ का एक प्रमुख ऑपरेटिव है और संगठन की गतिविधियों को संचालित करता है। यह भी पता चला कि वानी ने मलेशिया में एक विश्वविद्यालय में सम्मेलन में भाग लेने के बहाने यात्रा की थी, हालांकि विश्वविद्यालय ने इस यात्रा को स्पॉन्सर नहीं किया था।


एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि हयात न केवल मीर के संपर्क में था, बल्कि वह दो पाकिस्तानी नागरिकों के साथ भी संपर्क में था। उसका मुख्य काम विदेशी ऑपरेटिव्स से संपर्क बनाए रखना और आतंकी संगठन के लिए धन जुटाना था। 13 अगस्त को, एनआईए ने कहा था कि उसने विदेशी फंडिंग के एक निशान का पता लगाया है, जिसकी गहन जांच की जा रही है।

टीआरएफ को 2019 में लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी के रूप में बनाया गया था, ताकि इसे जम्मू-कश्मीर का स्थानीय संगठन दिखाया जा सके। इसका उद्देश्य हिजबुल मुजाहिदीन को रिप्लेस करना और स्थानीय आतंकी गतिविधियों को नई पहचान देना था।

पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को जवाबदेही से बचाने के लिए टीआरएफ को बनाया गया था, ताकि कश्मीर में कथित संघर्ष को स्थानीय दिखाया जा सके। इसके अलावा, पाकिस्तान चाहता था कि आतंकी हमले जारी रहें और साथ ही वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की निगरानी से भी बच सके। भारत ने टीआरएफ को एक आतंकी संगठन घोषित किया है और पाकिस्तान पर इसका समर्थन करने का आरोप लगाया है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद, अमेरिका ने टीआरएफ को एक विदेशी आतंकी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी इकाई घोषित किया, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका था। इस कदम ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को उजागर कर दिया। एनआईए की जांच अभी भी जारी है, और एजेंसी इस आतंकी संगठन के नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Share:

  • MP: रीवा जिले में चोरी हुआ तलाब... कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश, खोजने वाले को मिलेगा इनाम...

    Thu Sep 4 , 2025
    रीवा। अभी तक आपने रुपये, पैसे और जेवरात सहित अन्य चीजों की चोरी के कई मामले सुने होंगे, लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा जिले (Rewa district) में तालाब चोरी (Pond theft.) का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। सवाल उठेगा कि आखिर तालाब कैसे चोरी हो […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved