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भारत के पांच पड़ोसी देशों की हालत बदहाल, विरोध-प्रदर्शनों ने मचाई राजनीतिक उथल-पुथल

September 10, 2025

नई दिल्ली । भारत (India) के पड़ोसी देशों (Neighbouring countries) की हालत बदहाल है। हाल के वर्षों में घरेलू कारणों से हुए प्रदर्शनों (Protests) ने इन देशों में राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी है। बांग्लादेश (Bangladesh), पाकिस्तान (Pakistan), म्यांमार (Myanmar), श्रीलंका (Sri Lanka) और नेपाल (Nepal) में हुए विरोध प्रदर्शनों ने यह साबित कर दिया है कि भारत के पड़ोस में राजनीतिक स्थिति बेहद खराब है। इन प्रदर्शनों से यह भी स्पष्ट हो गया है कि आज कोई भी देश पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। अगर भविष्य में भी इस तरह के विरोध प्रदर्शन जारी रहे, तो कोई भी देश हिल सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो तख्तापलट की नौबत आ सकती है।।

नेपाल में भ्रष्टाचार का मुद्दा नया?
ऐसा नहीं है कि नेपाल में भ्रष्टाचार का मुद्दा नया है। न ही यह कि सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध से पहले सब कुछ ठीक था। स्थिति पहले भी खराब थी। यह दावा भी नहीं किया जा सकता कि सत्ता परिवर्तन से सब ठीक हो जाएगा। इसका जीवंत उदाहरण बांग्लादेश है। वहां सत्ता परिवर्तन के बाद क्या बदलाव आया, यह सभी जानते हैं। म्यांमार, श्रीलंका और पाकिस्तान की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है।

म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ संघर्ष
फरवरी 2021 में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र से सटे म्यांमार में सैन्य तख्तापलट हुआ। तब से देश में हालात लगातार अस्थिर हैं। वहां की जनता लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष कर रही है। विश्वविद्यालयों, मंदिरों और कस्बों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। स्थानीय लोग सेना के खिलाफ आवाज उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। तख्तापलट के बाद से देश की नेता आंग सान सू की जेल में हैं और सत्ता पर सेना का कब्जा है। आए दिन गिरफ्तारियां, गोलीबारी, इंटरनेट ब्लैकआउट और मीडिया पर पाबंदियां लगती रहती हैं।


श्रीलंका में 2022 के विरोध प्रदर्शन
भारत के एक अन्य पड़ोसी देश श्रीलंका में 2022 में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। राजधानी कोलंबो, कैंडी और अन्य शहरों में हजारों लोगों ने बिजली कटौती, महंगाई, ईंधन की कीमतों में वृद्धि और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन किए। कई जगहों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ भी नारेबाजी हुई। भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच जनता राष्ट्रपति के सरकारी आवास में घुस गई, जिसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा।

पाकिस्तान की स्थिति और बदतर
भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान भी बड़े प्रदर्शनों का गवाह बना। मई 2023 में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी ने पूरे पाकिस्तान में आग भड़का दी। लाहौर से लेकर इस्लामाबाद और रावलपिंडी तक उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए, और कई जगह हालात बेकाबू हो गए। सरकारी इमारतों, पुलिस चौकियों और यहां तक कि सेना के प्रतिष्ठानों पर हमले हुए। कई शहरों में कर्फ्यू जैसे हालात बने और इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गईं। इन प्रदर्शनों ने पाकिस्तान की राजनीति को पूरी तरह हिला दिया। यह प्रदर्शन उस समय हुए जब इमरान खान को सत्ता से हटने के करीब एक साल बाद तोशाखाना मामले में गिरफ्तार किया गया था। इमरान आज भी जेल में हैं।

बांग्लादेश में सत्ता संघर्ष
बांग्लादेश में मई 2024 में जनता का गुस्सा फूट पड़ा। राजधानी ढाका और अन्य शहरों में शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि अवामी लीग और उसकी छात्र शाखा पर प्रतिबंध लगाया जाए। उनका आरोप था कि पार्टी लंबे समय से सत्ता पर काबिज है और विपक्षी दलों को कमजोर कर रही है, जबकि उसका छात्र संगठन हिंसा और दमनकारी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। शेख हसीना की सरकार ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन असफल रही। अगस्त 2024 में शेख हसीना को देश छोड़कर जाना पड़ा। तब से वहां अंतरिम सरकार है और प्रदर्शन अभी भी जारी हैं।

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