
नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice Presidential Election) में विपक्षी उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी (B. Sudharshan Reddy) को अपेक्षित समर्थन न मिलने और 15 से अधिक वोट अवैध पाए जाने के बाद बुधवार को विपक्षी खेमों में बेचैनी और कानाफूसी तेज हो गई। इस परिणाम ने विपक्ष की एकजुटता की पोल खोल दी है। हालांकि विपक्षी खेमा यह भी आरोप लगा रहा है कि वोटों (Votes) को जानबूझकर अमान्य घोषित कराया गया। इस घटना ने राजनीतिक हलकों को याद दिला दिया कि कैसे कुछ साल पहले हरियाणा के विधायकों के एक समूह ने अपने ही राज्यसभा उम्मीदवार को हराने के लिए अनधिकृत पेन का इस्तेमाल करके “अमान्य वोट” डालकर क्रॉस-वोटिंग की थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ विपक्षी पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के एक सांसद पर वोट अमान्य करने का संदेह है। वह पहले से ही एनडीए खेमे में शामिल होने की तैयारी में हैं। इस बीच, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि विपक्षी खेमे के विभिन्न घटकों को इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्रॉस-वोटिंग कैसे हुई।
उन्होंने मीडिया से कहा, “अगर क्रॉस-वोटिंग हुई है, तो INDIA ब्लॉक के प्रत्येक घटक दल द्वारा इसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। क्रॉस-वोटिंग एक बेहद गंभीर मामला है। अगर आप जो कह रहे हैं वह सही है या जो सार्वजनिक रूप से सामने आ रहा है या जिस पर अटकलें लगाई जा रही हैं उसमें जरा भी सच्चाई है तो इसकी एक व्यवस्थित और गहन जांच होनी चाहिए।”
कांग्रेस सांसद सभा मणिकम टैगोर उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के बूथ एजेंट थे। उन्होंने कहा कि अमान्य वोट विपक्ष के लिए बहुत दुखद थे। उन्होंने बताया, “हमारे पंद्रह वोट अवैध पाए गए। किसी ने इधर टिक कर दिया, किसी ने किसी दूसरे कॉलम में ‘वन’ लिख दिया। इस तरह अलग-अलग तरीकों से वोट अमान्य हुए। यही सबसे बड़ी कहानी है जिसे समझना होगा।”
उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी खेमे को 300 वोट ही मिले जबकि उन्हें कम से कम 315 वोटों की उम्मीद थी। इस परिणाम ने विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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