
पटना । केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Union Minister Chirag Paswan) ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता (Opposition party Leaders) बेवजह के मुद्दों पर (On unnecessary Issues) लोगों को गुमराह करते हैं (Mislead People) । उन्होंने कहा कि लोगों को डराकर वोट हासिल करने की रणनीति और सोच गलत है।
पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि हर चुनाव में विपक्षी दलों के नेता मुद्दों से भटक जाते हैं और बेवजह के मुद्दों पर लोगों को गुमराह कर वोट हासिल करना चाहते हैं। विपक्षी दलों की यह सोच ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनाव से पहले एसआईआर जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे, दावा किया जा रहा था कि एसआईआर के जरिए लोगों के वोट काटे जा रहे हैं, क्या आपको कोई ऐसा मतदाता मिला जिसने कहा कि उसका वोट काट लिया गया? यह लोग ईवीएम को दोष देते रहे, जब कोई नया बहाना नहीं मिला तो एसआईआर को नया मुद्दा बनाया।
चिराग पासवान ने कहा कि एसआईआर का न तो सरकार से और न ही हमारे राज्य के लोगों से कोई लेना-देना है। हर चुनाव में विपक्ष ने हमेशा भ्रम फैलाने की कोशिश की है। आप देखेंगे, यह विपक्ष की रणनीति का हिस्सा बन गया है, जब भी चुनाव आते हैं, वे एक झूठी कहानी बनाते हैं, गलत सूचना फैलाते हैं और डर पैदा करने की कोशिश करते हैं। लोकसभा चुनाव में भी देखा गया था कि विपक्ष ने भ्रम फैलाया कि एनडीए की सरकार फिर से आई तो देश में आरक्षण और संविधान खत्म कर दिया जाएगा। पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल को सवा साल से ज्यादा हो गया है। मैं विपक्षी दलों के नेता से पूछता कि क्या संविधान खत्म हो गया और लोकतंत्र खत्म हो गया।
एसआईआर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दलों को लगता है कि एसआईआर उनके लिए मुद्दा है तो एक बार भी अधिकृत आपत्ति दर्ज क्यों नहीं करवाई? अगर आपको चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है तो सुप्रीम कोर्ट जाइए, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। लोगों को डराकर वोट हासिल करने की सोच गलत है।
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