
नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections Bihar) संपन्न हो गए हैं। दूसरे चरण में भी रिकॉर्डतोड़ वोटिंग (Record breaking Voting) हुई है और यह आंकड़ा ऐतिहासिक 68.79 फीसदी पर जा पहुंचा है। पहले चरण में लोगों ने करीब 64 फीसदी वोटिंग की थी। दोनों चरणों को मिलाकर कुल औसतन 66.93 फीसदी लोगों ने वोट किए। इस बीच, तमाम सर्वे एजेंसियों और टीवी चैनलों ने एग्जिट पोल (Exit Poll) के नतीजे जारी किए हैं। लगभग सभी एग्जिट पोल में फिर से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार बनने के आसार जताए गए हैं।
मैट्रिज के एग्जिट पोल में NDA को 147 से 167 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है, जबकि महागठबंधन को 70 से 90 सीटें मिलने का दावा किया गया है। जनसुराज के 0 से 2 और अन्य को 2 से 8 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। इस सर्वे के नतीजों में कहा गया है कि बिहार के ओबीसी और अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में मतदान किया है।
51% OBC नीतीश के पक्ष में?
मैट्रिज के एग्जिट पोल के अनुसार, 51 फीसदी ओबीसी और 49 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाताओं ने NDA गठबंधन को वोट दिया है, जबकि 78 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं ने तेजस्वी की अगुवाई वाले विपक्षी महागठबंधन को वोट दिया है। बता दें कि तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ओबीसी औग दलितों के साथ-साथ मुस्लिमों के कह और हुकूक की बात करते रहे हैं और आरक्षण की सीमा बढ़ाने का ऐलान करते रहे हैं। बावजूद इसके OBC समुदाय की आधी से ज्यादा आबादी ने NDA के पक्ष में वोट दिया है।
राज्य का जातिगत तानाबाना
बिहार में जाति हमेशा से एक अहम फैक्टर रहा है। अक्टूबर 2023 के सर्वेक्षण के अनुसार राज्य की 13 करोड़ से ज़्यादा आबादी का 60 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा हाशिए पर पड़े समुदायों से ताल्लुक रखता है। लगभग 85 फीसदी आबादी OBC, EBC या SC वर्ग या ST समुदाय से आती हैं। राज्य में 36% EBC, 27.1% BC, 19.7% SC और 1.7% ST और 15.5% सामान्य वर्ग से आते हैं।
सबसे ज्यादा यादव उम्मीदवार राजद से
उम्मीदवारों के विश्लेषण से पता चलता है कि विभिन्न जातियों और समुदायों के राजनेताओं को टिकट देने में दोनों पक्षों ने कमोबेश एक-दूसरे से बराबरी की है। हालाँकि महागठबंधन ने यादव समुदाय तक पहुँच बढ़ाने पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया। महागठबंधन ने 67 यादव को टिकट दिए थे, जबकि एनडीए ने केवल 19 यादव उम्मीदवार उतारे। नीतीश ने अपनी जाति यानी कुर्मी समुदाय से 14 लोगों को टिकट दिया था, जबकि विपक्ष ने इस जाति के सात उम्मीदवार उतारे थे।
इस एग्जिट पोल में तेजस्वी के लिए खुशखबरी
बिहार में अधिकांश एग्जिट पोल NDA सरकार की वापसी का अनुमान लगा रहे हैं। वहीं, न्यूज पिंच-एआई पॉलिटिक्स के एग्जिट पोल में एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने के संकेत मिल रहे हैं। इसमें कहा गया है कि एक ओर जहां सत्तारूढ़ गठबंधन 121 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है। वहीं, महागठबंधन के खाते में 119 सीटें आती दिख रही हैं। बहरहाल, अंतिम नतीजे 14 नवंबर, शुक्रवार को जारी किए जाएंगे।
न्यूज पिंच-एआई पॉलिटिक्स के एग्जिट पोल के मुताबिक, एक ओर जहां एनडीए को 121 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाले महागठबंधन को 119 सीटें मिल सकती हैं। इनमें 6 सीटें घटने या बढ़ने का अनुमान है। इसके अलावा अन्य के खाते में 3 से 5 सीटें जा सकती हैं। खास बात है कि इस लिहाज से किसी भी गठबंधन को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है।
किस पार्टी के क्या हाल
एग्जिट पोल में बताया गया है कि राजद 89-97 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ा दल बनकर उभर सकता है। वहीं, दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी 85-93 सीटें अपने नाम कर सकती है। जनता दल यूनाइटेड को 25-31 सीटें, लोजपा को 2-4, हम को 0-1 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, महागठबंधन के दल में कांग्रेस को 14-21, वीआईपी को 2-3, सीपीआई को 1-2, सीपीआई (एमएल)एल को 2-5 और सीपीआईएम को 1-2 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
महागठबंधन ने चौंकाया
सीटों के लिहाज से भले ही एनडीए बढ़त बनाती नजर आ रही हो, लेकिन एग्जिट पोल के अनुसार, वोट शेयरिंग के मामले में महागठबंधन आगे चल रहा है। राज्य में एनडीए के खाते में 38.4 प्रतिशत वोट आते दिख रहे हैं। जबकि, महागठबंधन को 39.2 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को 12.7 फीसदी वोट मिल सकते हैं। जबकि, 9.8 प्रतिशत अन्य के खाते में जाने के आसार हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved