
देहरादून। देहरादून (Dehradun) में पांच लाख लोग ऐसे हैं, जो बैंकों (Banks) में रुपये जमा कर भूल गए या खाताधारकों (Account holders) के वारिसों ने रुपये निकालने की जरूरत नहीं समझी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) (Reserve Bank of India – RBI) के विश्लेषण में जिले में अनक्लेम्ड बैंक डिपॉजिट (Unclaimed Bank Deposits) 210 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। आरबीआई के निर्देश पर बैंक ऐसे खाताधारकों से संपर्क कर उनकी रकम लौटा रहे हैं। इस अभियान के लिए दिसंबर तक का समय रखा गया है।
लीड बैंक अधिकारी संजय भाटिया ने बताया कि कई बार लोग पुराने बैंक खातों से रुपये निकालना भूल जाते हैं। नौकरी या व्यवसाय के चलते लोगों के अलग-अलग खाते होते हैं, जिनमें से कुछ वर्षों से निष्क्रिय पड़े रहते हैं। व्यक्ति के खातों के बारे में परिवार वालों को भी पता नहीं होता है। भारतीय रिजर्व बैंक अब ऐसे खाताधारकों की तलाश कर रहा है, ताकि इस रकम को सही हाथों तक पहुंचाया जा सके।
क्या कहता है नियम
दरअसल, यदि किसी व्यक्ति का खाता 10 वर्षों से अधिक से निष्क्रिय है तो ये रुपये आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि (डीईए) में चला जाता है। लेकिन नियमानुसार संबंधित खाताधारक इस पर दावा कर सकता है।
वेबसाइट से पता करें अपनी रकम
लीड बैंक अधिकारी ने बताया कि खाताधारक अपने बैंक की वेबसाइट या आरबीआई के पोर्टल (https://udgam.rbi.org.in) पर खाते में जमा धनराशि की जानकारी ले सकता है। वेबसाइट पर मोबाइल नंबर से लॉगइन कर सकते हैं। इस दिशा में आरबीआई की ओर से भी लोगों को मोबाइल पर मैसेज भेजे गए हैं। यदि पोर्टल पर आप के खाते में जमा रकम का पता नहीं चल पा रहा है तो खाताधारक संबंधित बैंक की किसी भी शाखा में क्लेम कर सकता है।
देहरादून में 14 नवंबर को लगेगा शिविर
लीड बैंक अधिकारी के अनुसार, बैंकों की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में शिविर लगाए जा रहे हैं। इसमें लोग खातों से संबंधित जानकारी जुटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अक्तूबर से दिसंबर 2025 के बीच कैंप लगाए जा रहे हैं। देहरादून में 14 नवंबर को आईआरडीटी सभागार में कैंप लगाया जाएगा।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved