
नई दिल्ली: दिल्ली में लाल किला के पास हुए ब्लास्ट में फंडिंग की जांच होगी. एनआईए के साथ ईडी और अन्य एजेंसियां इसकी जांच करेंगी. इसके अलावा अल-फलाह यूनिवर्सिटी की भी पूरी फॉरेंसिक जांच होगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को गृह सचिव, डायरेक्टर इंटेलिजेंस ब्यूरो, डीजी एनआईए और गृह मंत्रालय के अन्य हाई लेवल अधिकारियों के साथ बैठक की.
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में निर्णय लिया गया कि लाल किला ब्लास्ट मामले में फंडिंग की जांच में एनआईए के साथ-साथ ईडी और अन्य वित्तीय जांच से जुड़ी एजेंसियां भी काम करेगी. इसके साथ-साथ अल-फलाह यूनिवर्सिटी की भी फॉरेंसिक जांच की जाएगी. यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टर के फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन करने के लिए ईडी और दूसरी वित्तीय जांच करने वाली एजेंसियां भी जांच करेंगी.
इस पूरे मामले में फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे वित्तीय मामलों की जांच होगी. दिल्ली में 10 नवंबर को हुए धमाके ने पूरे देश को सकते में डाल दिया है. इस पूरे मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. रोज इस मामले में नए-नए नाम सामने आ रहे हैं.
इस मामले में आज भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. जम्मू-कश्मीर से दो लोग हिरासत में लिए गए हैं. वहीं, यूपी के हापुड़ से एक डॉक्टर फारुक को हिरासत में लिया गया है. फारुक जीएस मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंड प्रोफेसर हैं. डॉ फारुक ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी MBBS किया है. ब्लास्ट केस में डॉ फारुक से पूछताछ की जा रही है.
दिल्ली ब्लास्ट को सरकार ने आतंकी हमला माना है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में धमाके में मारे लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. दो मिनट का मौन भी रखा गया. इसके अलावा इसको लेकर प्रस्ताव भी पास किया गया, जिसमें यह देशविरोधी ताकतों की साजिश थी. इस घटना की जांच अत्यंत तत्परता और पेशेवर तरीके से की जाएगी. अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.
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