
नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) संपन्न हो चुके हैं अब बारी है वोटों की गिनती की। शुक्रवार को सुबह 8 बजे से मतगणना भी शुरू (Counting of Votes) हो गई है। इसके लिए चुनाव आयोग ने राज्य के 38 जिलों में स्थित कुल 46 मतगणना केंद्रों पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं। बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोट डाले गए थे। इस साल चुनावों में कुल 67.13 फीसदी का ऐतिहासिक मतदान दर्ज किया गया। अधिकांश एग्जिट पोल में NDA सरकार की वापसी की संभावना जताई गई है।
हालांकि, कुछ एग्जिट पोल में महागठबंधन की सरकार बनने के दावे किए गए हैं। इस बीच दोनों ही गठबंधन के लोग अपनी-अपनी सरकार बनने के दावे कर रहे हैं और उत्साहित नजर आ रहे हैं। इस चुनाव में रिकॉर्डतोड़ वोटिंग से जहां महागठबंधन को बदलाव की बयार दिख रही है, वहीं NDA को फिर से अपनी सरकार की वापसी की संभावना दिख रही है।
बहरहाल, इन चुनावों के तीन फैक्टर ऐसे हैं जो चुनाव की दशा-दिशा तय करने वाले हैं। एग्जिट पोल में उनके रुझानों से दोनों ही गठबंधनों में खुशी और गम है। इसकी वजह उन तीनों निर्णायक फैक्टर के वोटिंग रुझान और उनका विश्लेषण है। एक्सिस माई इंडिया के प्रदीप गुप्ता के मुताबिक ये तीन अहम फैक्टर हैं, महिला, युवा और जातीय समीकरण।
महिला मतदाता बड़ा फैक्टर
एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, महिलाओं का रुझान NDA की तरफ ज्यादा है। प्रदीप गुप्ता ने बताया कि 45 फीसदी महिलाओं के वोट NDA के खाते में गए हैं, जबकि 40 फीसदी वोट महागठबंधन को मिले हैं। यानी महिलाओं के वोट के मोर्चे पर NDA को 5 परसेंट की बढ़त हासिल है। उन्होंने इसके पीछे केंद्र और राज्य सरकारों की महिला आधारित योजनाओं को बड़ी वजह बताया है।
दूसरा अहम फैक्टर युवा
एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, बिहार चुनावों में उम्र के आधार पर युवाओं को वोटिंग पैटर्न दिलचस्प रहा है। एजेंसी ने दावा किया है कि 18 से 19 वर्ष उम्र के फर्स्ट टाइम वोटर्स में 46 फीसदी ने महागठबंधन को वोट दिया है, जबकि 37 फीसदी ने NDA को वोट दिया है। युवाओं के दूसरे आयु वर्ग यानी 20 से 29 साल के युवाओं में भी 44 फीसदी ने महागठबंधन को जबकि 37 फीसदी ने NDA को वोट दिया है। तीसरे आयु वर्ग यानी 30 से 39 साल के युवाओं में 43 फीसदी ने NDA को जबकि 42 फीसदी ने महागठबंधन को वोट दिया है। 40 से 49 वर्ष की उम्र वर्ग के 45 फीसदी लोगों ने NDA को तो 41 फीसदी ने महागठबंधन को वोट किया है।
तीसरा अहम फैक्टर जातीय समीकरण
जातीय फैक्टर की बात करें तो एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में कहा गया है कि 61 फीसदी EBC ने NDA को वोट किया है , जबकि महागठबंधन को सिर्फ 23 फीसदी EBC ने वोट किया है। वहीं राज्य की सबसे बड़ी जातीय आबादी यानी यादवों में से 90 फीसदी ने महागठबंधन को वोट किया है, जबकि सिर्फ 6 फीसदी ने NDA को वोट किया है। इसी तरह 79 फीसदी मुस्लिमों ने महागठबंधन को वोट किया है, जबकि सिर्फ 8 फीसदी ने NDA को वोट किया है।
दोनों गठबंधनों में खुशी और गम
यह एक ऐसा फैक्टर है, जिसको लेकर दोनों ही गठबंधन अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहा है। महागठबंधन को लगता है कि MY समीकरण यानी 31 फीसदी आबादी का एकमुश्त वोट उसके पक्ष में पड़ा है। इसके अलावा उसने EBC और भूमिहार, कोईरी समाज में भी सेंधमारी की है। इसलिए उसकी जीत की संभावना ज्यादा है। इसके अलावा महागठबंधन युवा फैक्टर को लेकर भी उत्साहित है। MGB का दावा है कि उसका बड़ा वर्ग नौकरी के वादे से उनकी तरफ आकर्षित हुआ है, जो उनकी जीत के लिए निर्णायक फैक्टर हो सकते हैं। इसके अलावा 49 फीसदी बेरोजगारों और 48 फीसदी विद्यार्थियों ने भी महागठबंधन को वोट किया है। वहीं NDA को लगता है कि महिला और जातीय समीकरण का फैक्टर उनके लिए वरदान साबित होगा।
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