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सैम पित्रोदा के बचाव में उतरे अधीर रंजन खुद फंस गए, बोले- यह सच है कुछ लोग गोरे हैं, कुछ काले हैं

नई दिल्ली (New Delhi) । लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के चौथे चरण के मतदान (fourth phase voting) से पहले कांग्रेस (Congress) नए विवाद में फंस गई है। दरअसल बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) ने एक इंटरव्यू में भारतीयों पर नस्लीय टिप्पणी की थी। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Congress leader Adhir Ranjan Chaudhary) ने इस विवादित बयान की निंदा करने की बजाय सैम पित्रोदा का बचाव किया। साथ ही उनके तर्क के समर्थन में कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। चौधरी ने कहा, ‘हमारे यहां प्रोटो ऑस्ट्रेलॉयड, मंगोलॉयड, नेग्रिटो क्लास के लोग हैं। हैं तो हैं। हमारे देश की जनसांख्यिकी में क्षेत्रीय विशेषताएं अलग-अलग हैं। किसी ने जो कहा वह उसकी निजी राय है लेकिन यह सच है कि कुछ लोग गोरे हैं, कुछ काले हैं।’ अब इस पर भी विवाद हो गया है।


बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया है कि सैम पित्रोदा का बचाव करने की कोशिश में अधीर रंजन चौधरी ने भारतीयों के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘इससे पता चलता है कि शब्द भले ही सैम पित्रोदा के हैं, लेकिन भारतीयों को चीनी, अफ्रीकी, नेग्रिटो, काला कहने की ये सोच कांग्रेस की है। क्या अधीर अंकल सैम की टिप्पणियों को सही ठहरा रहे हैं? क्या इस कारण से उन्हें भी नहीं हटाया जाना चाहिए? क्या वे उस अधीर को हटाएंगे जिन्होंने अतीत में द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपत्नी कहा था?’

क्या है सैम पित्रोदा का विवादित बयान?
एक इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने भारतीयों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करते हुए कहा कि उत्तर भारत के लोग तो गोरे जैसे नजर आते हैं, जबकि, पूर्वी भारत के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं। दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकन जैसे और पश्चिम भारत के लोग अरब के लोगों जैसे दिखते हैं। मामला बढ़ता देख कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने पित्रोदा के निर्णय को स्वीकार कर लिया है। रमेश ने कहा, ‘श्री सैम पित्रोदा ने अपनी मर्जी से ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका निर्णय स्वीकार कर लिया है।’

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