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भोपाल में कोरोना के बाद अब इन वायरस का भी बढ़ा खतरा, 103 घरों से मिला लार्वा

July 13, 2021

भोपाल: राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस से हालात थोड़े बेहतर ही हुए हैं कि डेंगू और जीका वायरस का खतरा भी पैदा हो गया है. बता दें कि राजधानी के 103 घरों से डेंगू का लार्वा मिला है. बरसात का मौसम होने के चलते मलेरिया का खतरा भी बढ़ा है. यही वजह है कि सरकार इन बीमारियों को लेकर भी गंभीरता बरत रही है.

जीका वायरस ने बढ़ाई चिंता
केरल में जीका वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. जिसके बाद पूरे देश सहित एमपी में भी अलर्ट है. एमपी में 2 साल पहले भी जीका वायरस के मामले सामने आए थे, ऐसे में जिन इलाकों में पहले जीका वायरस के मामले मिले थे, वहां मलेरिया विभाग की टीम सर्वे करेगी और इस बात का पता लगाएगी कि अब तो इस वायरस का संक्रमण नहीं फैल रहा है. साथ ही अति संवेदनशील क्षेत्रों, स्लम एरिया और बस्तियों में भी जांच की जा रही है.

विभाग की टीमें संभावित इलाकों में लोगों के रैपिड टेस्ट कर रही हैं. साथ ही लोगों को डेंगू, मलेरिया और जीका वायरस से बचाव की जानकारी भी दी जा रही है. बता दें कि मच्छरों के जरिए ही मलेरिया, डेंगू और जीका वायरस फैलता है. बरसात के मौसम में जगह जगह पानी इकट्ठा होने के कारण मच्छर पनपते हैं और इसके चलते डेंगू, मलेरिया और जीका वायरस संक्रमण होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.


क्या है जीका वायरस
बता दें कि जीका वायरस मच्छर के काटने से इंसान के शरीर में प्रवेश करता है. मुख्यतौर पर एडीज मच्छर के काटने से यह संक्रमण होता है और एडीज मच्छर दिन में काटता है. डब्लूएचओ के अनुसार, जीका वायरस के संक्रमण में पीड़ित व्यक्ति को बुखार, त्वचा पर लाल चकते होना, आंखों में जलन और लाल रहना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, की समस्या होती है.

महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस का संक्रमण खतरनाक साबित हो सकता है. दरअसल गर्भावस्था में अगर जीका वायरस का संक्रमण होता है तो इससे होने वाले बच्चे में माइक्रोसिफाली नामक बीमारी हो सकती है, जिसमें बच्चे का सिर सामान्य की तुलना में छोटा होता है. साथ ही जीका वायरस के संक्रमण से गर्भपात और समय से पहले डिलीवरी की समस्या भी हो सकती है.

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