नई दिल्ली! भारत (India) में आपने समानता का अधिकार, पढ़ाई का अधिकार, आरक्षण का अधिकार आदि के बारे में तो सुना होगा, लेकिन उन दिनों चर्चा में है बैठने का अधिकार (right to sit) मिलेगा। आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ये कैसा अधिकार होगा और किस तरह से फायदा होने वाला है और किसे इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा।
बता दें कि हाल ही में केरल के बाद तमिलनाडु सरकार ने भी एक विधेयक पेश किया है, जिसमें ‘बैठने का अधिकार’ देने की बात कही गई है और इसपर कानून बनाने की पहल की गई है। इस कानून के मुताबिक दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों को खड़े होकर ही काम करना होता है। यह नियम महिला और पुरुष दोनों कर्मचारियों पर लागू होता है। लेकिन अब तमिलनाडु की दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों ने बैठने का अधिकार हासिल कर लिया है। इस नियम को पिछले महीने ही लागू किया गया है और ऐसा करने वाला तमिलनाडु दूसरा राज्य बन गया है।
विदित हो कि इससे पहले यह नियम सिर्फ केरल में ही लागू था। पिछले कुछ सालों से तमिलनाडु की दुकानों में कर्मचारियों खास तौर से महिलाओं को बैठने को ना मिलने से बहुत समस्याओं की शिकायतें आ रही थीं, इसीलिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया।
कानून की खासियत
यह खास तरह का अधिकार दुकानों और प्रतिष्ठानों में सामान की बिक्री करने वाले कर्मचारियों के लिए है। जैसे आपने देखा होगा कि कई दुकानों में काम करने वाले कर्मचारी हमेशा खड़े ही रहते हैं और लगातार काम करते रहते हैं। ऐसे में सरकार का ये कानून है कि जब भी कर्मचारी फ्री हो, उन्हें खड़ा ना रहना पड़े और उनके लिए बैठने की व्यवस्था हो ताकि वो बैठ सके।
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