नई दिल्ली: गुजरात (Gujrat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में गुरुवार को एअर इंडिया (Air India) का बोइंग-787 जहाज (Plane) उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद क्रैश (Crash) हो गया था. इसकी जांच के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने एक पैनल गठित किया है जो 3 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपेगा. वहीं, अमेरिकी (America) नेवी के पूर्व पायलट और जाने माने नेविगेशन एक्सपर्ट कैप्टन स्टीव (Captain Steve Scheibner) ने प्लेन क्रैश का वीडियो देखने के बाद प्लेन में Ram Air Turbine एक्टिवेशन की बात कही है.
एविएशन एक्सपर्ट के अनुसार, एअर इंडिया के बोइंग-787 विमान ने दुर्घटना वाले दिन, जैसे ही टेकऑफ किया, रैम एयर टरबाइन थोड़ी देर बाद ही एक्टिवेट कर दिया गया था जो कि बड़ा संकेत है कि उड़ान भरने के साथ ही विमान किसी बेहद गंभीर संकट से जूझ रहा था.
एविएशन एक्सपर्ट और जर्नलिस्ट जैकब फिलिप ने बताया कि प्लेन का प्राइमरी इंजन फेल होने पर रैम एयर टरबाइन (RAT) एक्टिवेट किया जाता है ताकि इमरजेंसी पावर ली जा सके. अगर ऑग्जिलरी पावर यूनिट (APU) काम न करे या बैटरी यूनिट फेल हो जाए तब भी RAT को एक्टिवेट कर दिया जाता है. सिर्फ ऐसी स्थिति में ही RAT काम करता है. हादसे का असली और हाईक्वीलिटी फुटेज सामने आने के बाद रैम के एक्टिवेशन की बात कही है. उन्होंने कहा, ‘जो वीडियो सबने देखा, वो असली वीडियो नहीं था. असली फुटेज में विमान के नीचे की सतह साफ दिखती है और उसमें कुछ ऐसा नजर आता है, जो सबको चौंकाने वाला है.’
पहले विमान हादसे का जो वीडियो सामने आया था, वह एक स्क्रीन रिकॉर्डिंग थी, जो किसी ने फोन पर चलते हुए दूसरे डिवाइस से शूट किया था, जिस वजह से जरूरी डिटेल्ट छूट गई थीं. अब ऑरिजनल वीडियो सामने आने के बाद जांच की दिशा ही बदल गई. कैप्टन स्टीव ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश के 3 संभावित कारण बताए हैं. पहला इलेक्ट्रिकल फेलियर, दूसरा दोनों ईंजन का फेल होना और तीसरा हाइड्रोलिक फेलियर. स्टीव ने इस हादसे के एकमात्र सर्वाइवर विश्वास के बयान का भी सहारा लिया है.
कैप्टन स्टीव ने पहली संभावना दोनों इंजन के एक साथ फेल होना बताया है, इसका मतलब ये हादसा लिफ्ट लॉस यानि जहाज के पंखों से पर्याप्त हवा न मिलने की वजह से हुआ हो सकता है. स्टीव के मुताबिक विमान में पर्याप्त ताकत नहीं थी, जो उसे ऊपर की ओर उठाए रख सके. अगर ऐसा हुआ है तो विमान किसी बड़े पक्षियों के झुंड से टकराया होगा, जिस कारण दोनों इंजन खराब हो गए होंगे.
दूसरा कारण ये हो सकता है कि विमान के टेकऑफ से पहले कुछ विशेष तकनीकी सेटिंग्स की जरूरत होती है, जिनमें मुख्य होता है फ्लैप्स को नीचे करना. फ्लैफ्स जहाज के पंखों के वो हिस्से होते हैं, जो टेक ऑफ के दौरान लिफ्ट बढ़ाते हैं. कैप्टन स्टीव के मुताबिक अगर पायलट फ्लैफ्स लगाना भूल गए होंगे, तो विमान हवा में टिक नहीं पाएगा. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा होने के भी चांस इसलिए कम हैं क्योंकि 787 जैसे आधुनिक विमान में अगर फ्लैफ्स सेट नहीं होते, तो कॉकपिट में जोर-जोर से अलार्म बजने लगते हैं और स्क्रीन पर वॉर्निंग भी आती है.
तीसरी संभावना ये हो सकती है कि पायलट ने गलती से गलत लीवर खींच दिया हो. स्टीव के मुताबिक विमान जैसे ही टेकऑफ करता है तो को-पायलट कहता है विमान हवा में उठ चुका है. इसके बाद पायलट कहता है कि गियर अप. हो सकता है कि को-पायलट ने गलती से गियर की बजाए फ्लैफ्स वाला हैंडल खींच दिया हो. इसका मतलब, विमान से वो हिस्से हट जाए जो उसे हवा में टिकाए रखने में मदद करते हैं. आखिर में एक्सपर्ट इसी निष्कर्ष पर पहुंचते दिखते हैं कि दोनों ईंजन फेल होने की वजह से ये हादसा हुआ होगा. हालांकि, भारत में इस मामले की जांच अभी जारी है.
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