
नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Legislative Assembly) में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) ने राज्य में चल रहे एसआईआर (SIR) प्रक्रिया को लेकर ममता सरकार (Mamata government) पर निशाना साधा है। उन्होंने राज्य प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन इस प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची में हस्तक्षेप कर रहा है और वरिष्ठ अधिकारी भी अपात्र लोगों को सूची में बनाए रखने में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं। अधिकारी ने इस प्रक्रिया की धीमी गति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग को थोड़ा जल्दी काम करना चाहिए।
सिलीगुड़ी में पत्रकारों से बात करते हुए अधिकारी ने एसआईआर की प्रक्रिया में घोटाले बाजी का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार को इसके लिए जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा,”प्रदेश में किसी भी काम के लिए निर्वाचन आयोग राज्य के प्रशासनिक तंत्र पर निर्भर रहता है, यहां का प्रशासन धोखाधड़ी में लिप्त है।” उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य का तंत्र बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में शामिल करने की कोशिश कर रहा है।
शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि वरिष्ठ अधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों और सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों सहित जिला स्तरीय अधिकारियों को सीधे फोन कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कुछ नाम “गलत तरीके से” मतदाता सूची में बने रहें। उन्होंने कहा, “इनमें कथित तौर पर मृत मतदाता, फर्जी मतदाता और बांग्लादेशी घुसपैठिए शामिल थे।” हालांकि, भाजपा नेता ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के हस्तक्षेप का स्वागत किया, जब उसने राज्य और सभी क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की।
गौरतलब है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड अधिकारी सुब्रत गुप्ता को पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया के लिए विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
इससे पहले भाजपा नेता ने निर्वाचन आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर एसआईआर में घोटालेबाजी का आरोप लगाया था। उन्होंने ममता सरकार द्वारा इस पूरी प्रक्रिया के दौरान तटस्थता के सिद्धांत का उल्लंघन करने का और पुलिस का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।
मुसलमानों को एक बता वोट बैंक मजबूत कर रहीं ममता
शुभेंदु ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सभी मुसलमानों को अल्पसंख्यक बता अपना वोट बैंक मजबूत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भाषाई अंतर को नजरअंदाज करना एक सोची समझी रणनीति है। उन्होंने कहा कि ममता यह कभी नहीं कहती कि यह उर्दू बोलने वाला मुसलमान, यह बंगाली बोलने वाला मुसलमान, वह सभी को अल्पसंख्यक बताकर अपना वोट बैंक मजबूत करने कर रही हैं। उन्होंने राज्य की जनता से देश विरोधी ममता सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की।
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