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अमृतपाल की पत्नी को ब्रिटेन जाने से फिर रोका, एजेंसियों को भारत के खिलाफ नफरत फैलाने का अंदेशा

चंडीगढ़: असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद “वारिस पंजाब दे” प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) की पत्नी किरनदीप कौर (Kirandeep Kaur) को कन्फर्म टिकट होने के बावजूद तीसरी बार भारत छोड़ कर ब्रिटेन जाने से रोक दिया गया है. उन्हें पहली बार 20 अप्रैल को अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, फिर 14 जुलाई और अब 19 जुलाई को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोका गया. सूत्रों का कहना है कि किरनदीप ब्रिटेन पहुंचकर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकती हैं और भारत के खिलाफ नफरत फैला सकती हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अन्य लोगों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद वारिस पंजाब दे (WPD) के प्रमुख अमृतपाल सिंह की पत्नी किरनदीप कौर ने जेल में अपने पति के साथ नियमित मुलाकात के दौरान कथित उत्पीड़न पर आश्चर्य और गुस्सा व्यक्त किया था. सूत्रों ने कहा कि किरनदीप की यात्रा योजनाएं कथित तौर पर खालिस्तानी सिख नेता अवतार सिंह खांडा के सम्मान में एक आगामी समारोह से जुड़ी थीं, जिनकी हाल ही में ब्रिटेन के एक अस्पताल में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. माना जाता है कि खांडा खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह का करीबी सहयोगी था.

ब्रिटेन में भड़काऊ भाषण दे सकती हैं किरनदीप
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पुलिस और एजेंसियों को आशंका है कि किरनदीप ब्रिटेन में भड़काऊ भाषण दे सकती हैं, जिससे संभावित रूप से भारत के खिलाफ नफरत फैल सकती है. जब किरनदीप से संपर्क किया गया तो पहले तो उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने से इनकार कर दिया. हालांकि लगातार कोशिश करने के बाद उन्होंने कहा कि मुझे यूके जाने से तीसरी बार रोका गया है, जबकि कानून के मुताबिक मुझे 180 दिन पहले एंट्री करनी है. अप्रैल माह के दौरान कुछ मीडिया प्लेटफार्मों और व्यक्तियों ने सोचा कि मैं वापस ब्रिटेन भाग रही हूं, लेकिन क्या कोई भी आसानी से अपने घर नहीं जा सकता है.


अपने परिवार से मिलना मेरा अधिकार है: किरनदीप
किरनदीप ने कहा कि पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बाद ही उन्होंने एक महीने पहले अपना टिकट बुक किया था और उन्हें 18 जुलाई तक इंतजार करने के लिए कहा गया था. इसके बावजूद उन्हें फिर से रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि यह सरकार और विशिष्ट एजेंसियां हैं जो मुझे जाने से रोक रही हैं. मैं बस कानून के मुताबिक यात्रा करने की कोशिश कर रही हूं और अपने परिवार से मिलना मेरा मानवाधिकार भी है. मेरा वहां लंबे समय तक रहने का इरादा नहीं है, मेरी प्राथमिकता यहां जेल में बंद मेरे पति हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया था कि उनके खिलाफ एलओसी जारी की गई थी. किरनदीप ने कहा कि लेकिन मुझे मेरे खिलाफ किसी भी एफआईआर या यहां तक कि एलओसी से संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है.

खांडा के अंतिम संस्कार में शामिल होने से चाहते हैं रोकना
खांडा की याद में आयोजित एक समारोह में भाग लेने के बारे में एक अन्य सवाल में किरनदीप ने कहा कि वे नहीं चाहते कि मैं अवतार सिंह खांडा के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकूं, लेकिन मुझे यह भी नहीं पता कि अंतिम संस्कार कब और कहां होगा. इसे लेकर वे असहज महसूस कर रहे हैं, मान रहे हैं कि मैं वहां भाषण दूंगी. उन्हें डर है कि मैं आंदोलन खड़ा कर दूंगी. संपर्क करने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतिंदर सिंह ने किरनदीप के खिलाफ एलओसी जारी करने या एफआईआर दर्ज करने के बारे में कोई टिप्पणी देने से इनकार कर दिया.

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