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दिल्ली के उपराज्यपाल का ऐलान- 6 फरवरी को होगा MCD मेयर का चुनाव

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor of Delhi) ने एमसीडी की स्थगित पहली बैठक आयोजित (first meeting held) करने के लिए डिप्टी सीएम और सीएम द्वारा प्रस्तावित (proposed by CM) छह फरवरी को मंजूरी दे दी है। साथ ही राज्यपाल ने मेयर, डिप्टी मेयर और 6 सदस्यीय स्थायी समिति के चुनाव के लिए कहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार से बचने के लिए एमसीडी ने महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव कराने के लिए सदन की बैठक बुलाने की प्रक्रिया आरंभ की है।

एमसीडी ने 10 फरवरी को सदन की बैठक बुलाने के लिए दिल्ली सरकार को फाइल भेजी है, जबकि दिल्ली सरकार ने फाइल में संशोधन करते हुए तीन, चार व छह फरवरी में से किसी एक दिन बैठक बुलाने का प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास भेजा था। राज्यपाल ने छह फरवरी को बैठक आयोजित करने की मंजूरी दे दी है। इस मामले में आम आदमी पार्टी की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ऑबराय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है।


सर्वप्रथम राज्यपाल ने एमसीडी के प्रस्ताव के तहत सदन की बैठक की तिथि छह जनवरी तय की थी। इस दिन पार्षदों को शपथ दिलाने की शुरुआत होते ही हंगामा हो गया था। इसके बाद उन्होंने दोबारा सदन की बैठक की तिथि दिल्ली सरकार के प्रस्ताव के तहत तय की थी। दिल्ली सरकार के प्रस्ताव के अनुसार उन्होंने सदन की बैठक की तिथि 24 जनवरी तय की थी। इस दिन पार्षदों को शपथ दिलाने के बाद सदन की बैठक में हंगामा हो गया। इस कारण महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव नहीं हो पाया।

इस बीच आम आदमी पार्टी की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ऑबराय ने सदन की बैठक में चुनाव नहीं कराए जाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने गत शुक्रवार उनकी याचिका पर तीन फरवरी को सुनवाई करने का निर्णय लिया। इस कारण एमसीडी ने सदन की बैठक बुलाने के लिए शुक्रवार को प्रक्रिया आरंभ नहीं की।

इस दौरान एमसीडी ने तय किया था कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही वह बैठक बुलाने की पहल करेगी, लेकिन सोमवार को एमसीडी के वकीलों ने राय दी कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने का इंतजार करना सही नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी याचिका पर सुनवाई नहीं की है। इस कारण याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से एमसीडी को फटकार लगाई जा सकती है। लिहाजा एमसीडी को सदन की बैठक बुलाने की प्रक्रिया आरंभ कर देनी चाहिए।

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