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तुर्की को एक और झटका, फल विक्रेताओं ने सेब नहीं खरीदने का किया फैसला

May 15, 2025

मुंबई। भारत द्वारा पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक करने के बाद तुर्की जिस तरीके से पाकिस्तान के साथ खड़ा था, उसके बाद भारत के फल विक्रेताओं में विशेष कर सेब विक्रेताओं ने तुर्की से सेब मांगने बंद कर दिया है। भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव में तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के बाद देशभर में आक्रोश फैल किया है। तुर्की से सेब नहीं मंगाने के पीछे व्यापारी तर्क ये दे रहे हैं कि युद्ध के बाद ग्राहकों ने तुर्क के सेब की डिमांड ना के बराबर कर रहे हैं।

खुदरा व्यापारी भी तुर्की का सेब बड़े व्यापारियों से नहीं खरीद रहें हैं। इसके पीछे तर्क यही दिया जा रहा है कि दुश्मन को समर्थन देने वाला तुर्की को आर्थिक रूप से चोट पहुंचाई जाए। इस बात की जानकारी नागपुर के व्यापारी सचिन केथवास ने दी। विदेशी फलों का व्यापार करने वाले व्यापारियों सचिन ने बताया कि व्यापारियों के साथ आम जनता ने भी तुर्की का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने तुर्की का सेब खाना बंद कर दिया है। इसकी डिमांड काफी कम हो गई है।


खुदरा व्यापारियों ने बड़े व्यापारियों से इसको खरीदना भी बंद कर दिया है। बड़े व्यापारियों ने अब तुर्की का सेब का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। अब व्यापारियों ने विदेशी सेब इटली, वाशिंगटन (अमेरिका), चिली, न्यूजीलैंड ,साउथ अफ्रीका से मंगाना शुरू कर दिया है। पब्लिक में काफी आक्रोश है। वह चाहते हैं कि वह तुर्की का सेब ना खाएं। सचिन ने बताया कि थोड़े बहुत सेब उनके कोल्ड स्टोर में है लेकिन वह बिक नहीं रहा है। व्यापारियों ने फैसला लिया है तुर्की से सेब नहीं मंगवाएंगे।

सचिन केथवास वो व्यापारी हैं जो महाराष्ट्र के विदर्भ के साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, इन तमाम राज्यों में सेब का व्यापार करते हैं। सचिन ने बताया कि जैसे ही लोगों को पता चला कि तुर्की पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा है, तो लोगों ने उस देश के सेब ना के बराबर खाना शुरू कर दिया है। बाजार में उसकी डिमांड ना के बराबर है। व्यापारियों से मिली जानकारी के अनुसार एक लाख मैट्रिक टन से भी ज्यादा सेब का आयात तुर्की से होता है।

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष BS भारतीय ने कहा कि सेब के अलावा, केमिकल, मसाले, ड्राई फ्रूट्स, तमाम चीज तर्की से आते हैं। लेकिन कैट ने तय किया है कि उनसे यह व्यापार बंद कर दिया जाए। बता दें कि कैट वह संगठन है जिससे भारत के लगभग 8 से 9 करोड़ व्यापारी जुड़े हैं। संगठन का कहना है कि वह तुर्की से किसी भी तरीके से व्यापार नहीं करेंगे।

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