प्रशासनिक बुल्डोजर बना अधिकारियों के जेब भरने का हथियार!

  • कबाडख़ाने में भूमाफिया की कार्यवाही सवालों के घेरे में

जबलपुर। प्रशासन द्वारा भू-माफिया की कार्यवाही का लक्ष्य सरकारी जमीनों को मुक्त कराना था । नाकी इन जमीनों में अपना प्रशासनिक बुलडोजर खड़ा करके खुद की जेब भरना। ऐसे दर्जनों मामले सामने आए हैं, जिनमें अधिकारियों ने दिखावटी कार्यवाही करते हुए कार्यवाही के डर से अपनी जेबे भरी और मामले को शांत कर दिया। वहीं कई कार्यवाहियों में भूमि को शासकीय बताकर कार्यवाही कर दी गई। जबकि वहां शासकीय भूमि थी ही नहीं। ऐसे ही एक मामले में एक कबाड़ी के यहां खजिरी खिरिया बायपास के समीप प्रशासन ने र्कावाही की, जिसे बाद कबाड़ी ने प्रशासनिक अधिकारियों को रकम देकर मामला शांत कर लिया। जानकारी अनुसार बीते साल नजर अली के कबाड़ खाने में प्रशासन ने दर्शनार्थ कार्रवाई की थी। जहां एक तरफ प्रशासन द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कार्यवाही को बड़ा ही वृहद बताया था। परंतु कुछ दिनों बाद अग्निबाण की जांच पड़ताल में मामले की सच्चाई कुछ और ही निकली। दिखावटी कार्रवाई और धरातल की कार्रवाई में जमीन आसमान का अंतर नजर आ रहा है। प्रशासन द्वारा कबाड़ खाने में अतिक्रमण की कार्यवाही की गई थी, जहां पर बताया गया था कि कई करोड़ों की जमीनों को प्रशासन द्वारा भूमाफिया से मुक्त करा लिया गया परंतु बाद में कार्यवाही की सच्चाई कुछ और ही सामने आई है।

क्या है मामला
संपत्ति लगभग 74500 वर्ग फिट की है जिसमें तीन तरफ मार्केट और बीच में खुला हुआ मैदान जिसमें कबाड़ एकत्रित किया जाता है। कच्चा शेड भी है। यह संपत्ति अमखेरा रोड में लगभग 190 फीट चौड़ाई और 30 फीट गहराई की14 दुकानें निर्मित है। दूसरी तरफ साइड रोड नाली से लगी जमीन पर लगभग 312 फीट सामने और गहराई 30 फीट के लगभग मैं दुकान निर्मित है। पीछे की तरफ लगभग 260 फीट चौड़ाई और 25 फीट लगभग गहराई में दुकान निर्मित है। प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा अमखेरा रोड पर 190 फीट चौड़ाई वाली जगह पर कार्यवाही की गई बताया गया कि 14 दुकानें ध्वस्त कर दी गई। जबकि इस 14 दुकानों में से मात्र 11 दुकानों पर 10 फीट का छज्जा तोड़कर ही संतुष्टि कर तीन दुकानें छोड़ दी गई और 14 दुकानें तोडऩे का ढिंढोरा अखबार सोशल मीडिया और शासकीय दस्तावेज में पीटा गया। कार्यवाही के दौरान तत्कालीन एसएसपी अगम जैन, एसडी एम श्री नम: शिवाय अजरिया, तत्कालीन सीएसपी (आईपीएस) रोहित काशवानी आदि अन्य उपस्थित रहे। यह कार्यवाही इन सवालों के घेरे में हैं 14 दुकानों में से कुल 11 दुकानों का 10 फिट का स्ट्रक्चर तोड़ा गया तो कुल 1300 वर्ग फुट जमीन में कार्रवाई की गई जो कि अमखेरा मुख्य मार्ग में निर्मित है । यह मार्केट जब मुख्य मार्ग पर ही है तो जमीन कहां खाली कराई गई और कुल 1320 वर्ग फुट आरसीसी स्ट्रक्चर तोड़ा गया तो 9000 वर्ग फुट 29 करोड़ शासकीय भूमि खाली कराने का ढिंढोरा क्यों पीटा गया। क्या अधिकारियों द्वारा शासन मशीनरी डीजल फूंककर क्या निजी फायदे के लिए अखबारों में और सोशल मीडिया में अपना गुणगान कराने के लिए सीएम से अपनी पीठ थपथपा ने के लिए यह कार्यवाही की गई। फर्जी ढिंढोरा पीटा गया। अधिकारी सरकार को गुमराह क्यों कर रहे हैं, क्यों शहर में सरकारी जमीनों को खाली कराने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। इनको ऐसा क्यों लगता है की हर कार्रवाई को बगैर जांचे परखे जबलपुर की जनता मान लेगी।

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