22 साल बाद जोगी के भेष में घर पहुंचा बेटा अरुण निकला नफीस, FIR दर्ज

अमेठी (Amethi)। उत्तरप्रदेश के अमेठी (Amethi) जिले में एक हफ्ते पहले 22 साल बाद साधु के भेष में बेटे के घर लौटने की खबर ने मीडिया में जमकर सुर्खियां बटोरी थीं लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ ले लिया है. जांच हुई तो सामने आया कि नफीस नाम का युवक साधु के भेष में अरुण सिंह बनकर जायस थाना क्षेत्र के खरौली गांव पहुंचा था. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल पूरा मामला जायस थाना क्षेत्र के खरौली गांव का है, जहां एक सप्ताह पहले दो युवक जोगी के वेश में सारंगी बजाते हुए पहुंचे. ।जोगियों के पहुंचते ही मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए. एक जोगी ने अपने आप को गांव के ही रहने वाले बुजुर्ग रतीपाल सिंह का गायब हुआ बेटा बताया. युवक द्वारा दी गई जानकारी और 22 साल बाद बेटे के लौटने की खुशी के पूरा गांव रो पड़ा. ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना दिल्ली में रह रहे पिता रतीपाल को दी. बेटे के गांव वापस आने की जानकारी मिलने के बाद रतीपाल दिल्ली से अपने घर पहुंचा, जिसके बाद दोनों साधुओं की ग्रामीणों ने खूब आवभगत की. अगले दिन जाते-जाते पिता समेत अन्य ग्रामीणों ने कई क्विटंल अनाज और हजारों रुपये नगद दे दिए.


वहीं पिता ने तथाकथित बेटे अरुण उर्फ पिंकू को बात करने के लिए एक कीमती मोबाइल फोन भी खरीद कर दिया. जोगियों के जाने के बाद रतीपाल के मोबाइल पर बेटे को वापस पाने के लिए लाखों रुपये की डिमांड की जाने लगी. रतीपाल को जब शंका हुई तो उन्होंने जांच-पड़ताल करनी शुरू कर दी. उनके हाथ कई फोटो और वीडियो लग गए. पिता रतीपाल ने पूरे मामले की शिकायत थाने में की. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस की जांच में सन्यासी बना बेटा अरुण पूरी तरीके से फर्जी और फ्रॉड निकला है. युवक की पहचान गोंडा के नफीस के रूप में हुई है.

फ्रॉड साधु के ठगी के शिकार रतीपाल सिंह ने बताया, ’12 हजार रुपये मेरी बड़ी बहन ने साधु के भेष में आए युवकों द्वारा बताए बैंक अकाउंट में जमा कराए गए हैं. मैंने पुलिस को बैंक स्टेटमेंट सौंप दिया है. मुझे मीडिया के जरिये पता चला है कि साधु के भेष में आए युवक का नाम नफीस है. मेरी दरख्वास्त है कि उसे पकड़ा जाए तो उसका डीएनए टेस्ट करवाया जाए. शुरुआत में मुझसे 10.8 लाख रुपये, फिर 4.80 लाख रुपये बेटे को वापस घर भेजने के एवज में मांगे गए. फिर 3.6 लाख रुपये पर डील फाइनल हुई. उन्होंने बैंक अकाउंट भी दिया लेकिन पैसा जब जमा नहीं हुआ तो मैंने उनसे मठ का अकाउंट नंबर मांगा लेकिन उन्होंने जब अकाउंट नंबर नहीं दिया तो मुझे आशंका हुई. फिर मैंने प्रशासन से मदद मांगी.’

रतीपाल सिंह ने आगे बताया, ‘मुझे शुरुआत में झारखंड के मठ का झांसा दिया गया. ऐसे में मैंने उस क्षेत्र के एसपी से फोन पर बात करके मदद मांगी. उन्होंने मुझे वापस फोन करके बताया कि जो मोबाइल नंबर मैंने उन्हें दिया था, वो झारखंड में नहीं, बल्कि गोंडा में चल रहा है. मैं गोंडा भी गया था और थाने में पुलिस से मदद मांगी. बाद में पता चला कि आरोपी फरार हो गया है.’

तिलोई सीओ अजय सिंह का कहना है कि पूरे मामले पर मुकदमा पंजीकृत कर मामले की छानबीन की जा रही है जल्द से जल्द इस पूरे मामले पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. तिलोई सीओ अजय कुमार सिंह ने बताया, ’10 फरवरी को जायस थाना क्षेत्र के खरौली गांव निवासी रतीपाल सिंह द्वारा बताया गया कि साधु वेश में एक व्यक्ति आया, जिसे हमने अपना बेटा समझकर अनाज और रुपये दिए. गांव से जाने के बाद उन्होंने रुपये की डिमांड कर दी. मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जाएगी.’

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