बड़े-बड़े वाहनों की हो जाती है कटिंग… ऐसी है शहर के कबाडख़ानों की कहानी

  • शहर में बड़े कबाडखाने
  • शहर में मध्यम कबाडखाने
  • शहर में छोटे कबाडखाने

जबलपुर। शहर के छोटे से लेकर बड़े कबाडख़ानों में रोजाना दर्जनों वाहन काटे जा रहे है। इनमें से अधिकतर वाहनों को काटने तक की अनुमति नहीं होती। यह खेल धडल्ले से बैखौफ संचालित हो रहा है। लेकिन न तो परिवहन विभाग द्वारा ऐसे वाहन मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही पुलिस द्वारा ऐसे कबाडख़ाना संचालकों पर शिकंजा कसा जा रहा है। इतना ही नहीं इन वाहनों की आड़ में कई कबाडखानों के संचालक गैर कानूनी रूप से चोरी के वाहनों को भी काटने और उन्हे खुर्दबुर्द करने का काम कर रहे है।

लाखों रुपए टैक्स, हजारों वाहन लापता
शहर में ऐसे हजारों वाहन हैं, जिन पर लाखों रुपए का टैक्स बकाया है। लेकिन वे वाहन कहां हैं, इसकी जानकारी परिवहन विभाग को नहीं है। इतना ही नहीं परिवहन विभाग द्वारा उन वाहन मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की जा रही, जिनके वाहनों पर टैक्स बकाया है। यही कारण है कि वाहन मालिक बैखौफ इस खेल को अंजाम दे रहे है।

यह है नियम
यदि किसी वाहन मालिक को अपने वाहन को कबाड़ में बेचना हो या फिर उसे कटवाना हो तो उसे नियमानुसार पहले पूरा टैक्स परिवहन विभाग को जमा करना होता है। इसके बाद परिवहन विभाग द्वारा वाहन को डिस्मेंटल करने की अनुमति दी जाती है। यदि अनुमति बगैर वाहन को डिस्मेंटल किया जाता है, तो वह गैरकानूनी होता है।

दर्जनों इंजन और पार्टस हुए थे जब्त
कुछ समय पूर्व पुलिस ने कबाडख़ाना संचालकों के घ्खिलाफ अभियान चलाया था। कार्रवाई के दौरान शहर के कई बड़े और छोटे कबाडख़ानों की जांच की गई। जांच के दौरान कबाडख़ानों में छोटे से लेकर कई बड़े वाहनों के इंजन, चेचिस समेत अन्य पार्टस जब्त किए गए थे। जिनके दस्तावेज कबाडखाना संचालकों के पास नहीं थे। उनके खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किए गए थे, लेकिन समय के साथ पुलिस ने कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया और कबाडख़ाना संचालकों की मनमानी फिर से शुरू हो गई।


यहां हैं कबाडखाने
गुरंदी, अधारताल, मंडी मदार टेकरी, खजरी खिरिया, गोहलपुर, महाराजपुर बाइपास। कबाडखानों में रोजाना का धंधा -सात से आठ करोड़़ रुपए।

परिवहन विभाग की टीम द्वारा औचक रूप से कबाडख़ानो की जांच की जाती है। यदि वहां कोई वाहन बिना अनुमति कटते मिलता है तो वाहन मालिक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। वहीं कबाडख़ाना संचालक पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है।
जितेन्द्र सिंह रघुवंशी, आरटीओ

पुलिस द्वारा शहर और शहर के आस-पास स्थित कबाडख़ानों की नियमित जांच की जाती है। यदि कहीं कोई गड़बड़ी मिलती है तो कबाडख़ाना संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। हाल ही में बेलबाग पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई है।
गोपाल खाण्डेल, एएसपी

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