पंजाब में अपनी जड़े मजबूत और ताकत बढ़ाने में लगी बीजेपी, दूसरी पार्टी के नेताओं पर भी नजर

नई दिल्‍ली (New Delhi)। भारतीय जनता पार्टी(Bharatiya Janata Party) ने पंजाब (Punjab ) के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है । लंबे समय तक शिरोमणि अकाली दल(Shiromani Akali Dal) के साथ गठबंधन (alliance)में रहते हुए सीमिति क्षेत्र में राजनीति करने वाली भाजपा अब पूरी ताकत से अकेले चुनाव मैदान में है। पंजाब में अपनी जड़ें जमाने और ताकत बढ़ाने के लिए भाजपा ने कांग्रेस, अकाली दल व आम आदमी पार्टी के कई प्रमुख नेताओं को अपने साथ जोड़ा है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ भाजपा में है और जाखड़ को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

राज्य की 13 लोकसभा सीटों के लिए भाजपा ने नौ सीटों के लिए अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं। अब उसे चार सीटों फिरोजपुर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब व संगरूर बाकी हैं। भाजपा को इन सीटों के लिए दमदार उम्मीदवारों की जरूरत हैं। चूंकि भाजपा का इन क्षेत्रों में अपना संगठन ज्यादा मजबूत नहीं रहा, इसलिए उसके पास लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रभावी उम्मीदवार नहीं हैं।

सूत्रों के अनुसार पार्टी इन सीटों में कुछ पर दूसरे दलों से आने वाले नेताओं पर दांव लगा सकती है। इसके लिए उसकी कांग्रेस और अकाली दल के कुछ नेताओं पर नजर भी है।

आप से हुआ लोगों का मोहभंग

गौरतलब है भाजपा में पंजाब में बड़ी संख्या में नए लोग जुड़े हैं। इनमें दूसरे दलों के नेताओं के साथ समाज के विभिन्न वर्गो के प्रभावशाली और पूर्व नौकरशाह तक शामिल हैं। भाजपा की कोशिश सीमावर्ती राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की है। भाजपा के एक प्रमुख नेता ने कहा कि अकाली दल व कांग्रेस की सरकारों के कारनामों से उकता गए लोगों ने विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी को मौका दिया था, लेकिन अब उससे भी लोगों का मोह भंग हो गया है और लोग नए विकल्प की तलाश में है और भाजपा वह विकल्प लोगों के सामने रख रही है।

वीआरएस ले मैदान में परमपाल कौर

भाजपा ने बठिंडा सीट पर परमपाल कौर को ही उम्मीदवार रखना तय किया है। कौर आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने वीआरएस ले लिया है जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी भी दे दी है। हालांकि पंजाब सरकार ने कौर को नोटिस जारी कर उनसे तत्काल ड्यूटी पर जाने को कहा है क्योंकि उनको तीन महीने के नोटिस पीरियड् से छूट नहीं मिली है। इस पर कौर ने कहा कि उनके वीआरएस को मंजूरी मिल चुकी है, इसलिए वह चुनाव लड़ेंगी।

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