पहले भी कहीं बार दे चुके है विवादित बयान, सैम पित्रोदा की इन 5 टिप्‍पणी से कांग्रेस की हुई बदनामी

नई दिल्‍ली (New Delhi)। कांग्रेस नेता (congress leader)के विवादित बयान (controversial statement)ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है । इस टिप्‍पणी को लेकर सत्‍तरुढ़ी दल विपक्ष(party opposition) पर करारा हमला बोला है । इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अध्‍यक्ष( congress overseen president)सैम पित्रोदा(Sam Pitroda) की एक और टिप्पणी को लेकर बुधवार को बखेड़ा खड़ा हो गया। पित्रोदा ने कहा है कि पूर्व के लोग चीनी और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी नागरिकों जैसे दिखते हैं। सत्तारूढ़ भाजपा ने पित्रोदा की नस्ली टिप्पणियों को लेकर उन पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी पार्टी पर तीखा हमला बोला और जोर देकर कहा कि देशवासी त्वचा के रंग के आधार पर अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। मोदी ने सवाल किया, कोई मुझे बताइए क्या मेरे देश में चमड़ी के रंग के आधार पर लोगों की योग्यता तय होगी। वहीं, कांग्रेस ने हालांकि पित्रोदा की टिप्पणियों से खुद को अलग करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य बताया। पार्टी ने कहा कि वह इन टिप्पणियों से खुद को पूरी तरह से अलग करती है।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख के पद से इस्तीफा देने से पहले सैम पित्रोदा ने एक पॉडकास्ट में कहा, हम 75 साल से बहुत सुखद माहौल में रह रहे हैं, जहां कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं। पित्रोदा ने सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित इस साक्षात्कार में कहा, हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं। जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं। उन्होंने कहा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं। भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।

एक मीडिया हाउस को दिए पॉडकास्ट साक्षात्कार में पित्रोदा ने कहा, एक गुजराती होने के नाते, मुझे डोसा पसंद है, मुझे इडली पसंद है। यह मेरा खाना है, यह अब केवल दक्षिण भारतीय खाना नहीं रहा। यह वह भारत है, जिसमें मैं विश्वास करता हूं, जहां हर किसी के लिए एक जगह है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता ही है। भारत के उस विचार को, जो लोकतंत्र, स्वतंत्रता, बंधुत्व में निहित है, को राम मंदिर और रामनवमी द्वारा चुनौती दी जा रही है और प्रधानमंत्री बार-बार मंदिरों में दर्शन करने जा रहे हैं। वह एक राष्ट्रीय नेता के रूप में नहीं, बल्कि भाजपा के नेता के रूप में बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, यह विचार राम मंदिर, भगवान, इतिहास, विरासत, भगवान हनुमान, बजरंग दल और सभी प्रकार के मुद्दों पर केंद्रित है। मैं उनके विचार का सम्मान करता हूं। पित्रोदा ने कहा, एक और समूह है जो कहता है कि हमारे संस्थापकों ने ब्रिटिश राज के खिलाफ हिंदू राष्ट्र के लिए नहीं, बल्कि एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के लिए लड़ाई लड़ी थी। पाकिस्तान ने धर्म के आधार पर एक राष्ट्र बनाने का फैसला किया और देखें कि उनका क्या हुआ। हम विश्व में लोकतंत्र का बेहतरीन उदाहरण हैं।

पित्रोदा की उपमाएं अस्वीकार्य : कांग्रेस

पित्रोदा की टिप्पणी से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर कहा, सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह अत्यंत गलत और अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूर्ण रूप से अलग करती है।

भाजपा ने पित्रोदा की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव आगे बढ़ रहा है, विपक्षी पार्टी का मुखौटा उतरता जा रहा है। पार्टी ने दावा किया कि पित्रोदा की नस्ली टिप्पणियों ने देश को नस्ल, धर्म और जाति के आधार पर बांटने की कांग्रेस की कोशिश को उजागर किया है। भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर और सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि पित्रोदा ने भारत के उस विचार को उजागर किया है जिस पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे कांग्रेस के बड़े नेता विश्वास करते हैं।

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने वारंगल में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पित्रोदा की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला। मोदी ने पूछा, त्वचा के रंग के इस खेल के लिए शहजादे को किसने इजाजत दी। मोदी ने कहा, मैं बहुत गुस्से में हूं। मुझे कोई गाली दे, मुझे गुस्सा नहीं आता है। मैं सहन कर लेता हूं। लेकिन आज शहजादे के फिलॉस्फर ने इतनी बड़ी गाली दी है, जिसने मुझमें गुस्सा भर दिया है। राहुल गांधी की चुनावी रैलियों में संविधान की प्रति का प्रदर्शन करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान सिर पे लेकर नाचने वाले लोग, चमड़ी के रंग के आधार पर देशवासियों का अपमान कर रहे हैं। मोदी ने कहा, इसे लेकर राहुल गांधी को जवाब देना होगा।

मोदी ने यह भी कहा कि उन्हें अब पता चला है कि द्रौपदी मुर्मु की इतनी प्रतिष्ठा होने के बावजूद कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें हराने की कोशिश क्यों की थी। उन्होंने कहा, शहजादे के दार्शनिक और मार्गदर्शक चाचा ने एक बड़ा राज खोला है। मोदी ने कहा कि त्वचा का रंग कोई भी हो, देशवासी भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं, जिनकी त्वचा का रंग भी हम सभी की तरह था।

पित्रोदा के ‘विरासत कर’ के बयान पर भी हुआ था विवाद

इससे पहले कांग्रेस नेता पित्रोदा ने विरासत कर के बारे में बात करके विवाद खड़ा कर दिया था, जिसे भाजपा ने चुनावी मुद्दा बना लिया। पित्रोदा ने कांग्रेस के घोषणापत्र में संपदा के पुन: वितरण के मुद्दे पर बात करते हुए अमेरिका में विरासत कर का उल्लेख किया था। इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया था।

मध्य वर्ग को लेकर दिया था बयान

पित्रोदा ने 6 अप्रैल 2019 को कहा था कि मध्यम वर्ग को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए। उन्हें ज्यादा टैक्स देने के लिए कमर कस लेना चाहिए। इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी सकते में आ गई। पार्टी को सफाई देनी पड़ी कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वो मध्य वर्ग पर कोई अतिरिक्त कर का बोझ नहीं डालेगी।

सिख विरोधी दंगे

2019 लोकसभा चुनावों के दौरान सिख दंगों पर एक बयान देकर पित्रोदा फंस गए थे। दरअसल, भाजपा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए राजीव गांधी को मास्टरमाइंड कहा था। इस पर पूर्व प्रधानमंत्री के करीबी सहयोगी रहे पित्रोदा ने 10 मई 2019 को कहा था, अब क्या है 1984 का। भाजपा ने 5 साल में क्या किया, उसकी बात करें। 84 हुआ तो हुआ, आपने क्या किया। कांग्रेस को इस बयान से भी किनारा करना पड़ा और पित्रोदा को माफी मांगनी पड़ी।

बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सवाल

पुलवामा में आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। इस पर सवाल उठाते हुए 22 मार्च 2019 को पित्रोदा ने कहा था कि ऐसे हमले होते रहते हैं। कुछ आतंकियों ने हमला किया, इसकी सजा पूरे पाकिस्तान को क्यों दी जा रही है।

मंदिर से रोजगार नहीं मिलेगा

6 जून 2018 को राम मंदिर पर पित्रोदा ने कहा था कि भारत में बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा जैसी समस्याओं के बारे में कोई बात ही नहीं करता। हर कोई राम, हनुमान और मंदिर की बात करते हैं। मंदिर बनाने से लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा।

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