बिहार में BJP की सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर लगी मुहर, महाराष्ट्र में मंथन जारी; ओडिशा में कहां पहुंची बात

नई दिल्‍ली (New Delhi) । लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)से पहले एक ओर सीट शेयरिंग फॉर्मूले (seat sharing formula)पर मुहर लग गई। भारतीय जनता पार्टी(Bharatiya Janata Party) बिहार में अब 17 सीटों पर लड़ने की तैयारी (Preparation)कर रही है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar)की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड 16 सीटों पर लड़ेगी। इससे पहले पार्टी आंध्र प्रदेश में भी गठबंधन में सीट बंटवारा कर चुकी है। फिलहाल, नजरें महाराष्ट्र, पंजाब और ओडिशा पर भी टिकी हुई हैं, जहां अटकलें हैं कि चर्चाएं अंतिम दौर में हैं।

महाराष्ट्र में क्या चल रहा है?

महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार कैंप) साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन अब तक सीट बंटवारा नहीं हो सका है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि राज्य में तीन सीटों को लेकर पेच फंसा हुआ है। इनमें बारामती, माढा और सतारा का नाम शामिल है।

इससे पहले अटकलें थीं कि राज्य की 48 सीटों में से भाजपा 31, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना 13 और एनसीपी 4 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। फिलहाल, इस फॉर्मूले को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

ओडिशा में कहां अटकी बात?

कयास लगाए जाने लगे थे कि लंबे समय के बाद ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल की NDA में वापसी हो सकती है। साथ ही कहा जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और बीजद के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भी तैयार हो चुका है, लेकिन कुछ समय पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कह दिया था कि बीजद के साथ गठबंधन की बात नहीं चल रही है। इस बयान के बाद वह दिल्ली भी गए थे। हालांकि, उन्होंने बताया कि वह चुनाव की तैयारियों के संबंध में दिल्ली पहुंचे थे।

खबरें हैं कि बीजद 100 से ज्यादा सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी, जिसपर भाजपा तैयार नहीं हुई। वहीं, भाजपा 21 में से 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, जिसे बीजद ने अस्वीकार कर दिया। इसे लेकर दोनों ही दलों की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

पंजाब में क्या है हालात?

कहा जाने लगा था कि भाजपा अपने पुराने साथी शिरोमणि अकाली दल (SAD) के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि, अब हाल ही में शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने अटकलों पर विराम लगा दिया था और कहा था कि भाजपा के साथ गठबंधन पर नहीं पहुंचे हैं। हालांकि, उन्होंने भविष्य में साथ आने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया था।

आंध्र प्रदेश में बन गई बात

दक्षिण में लगातार विस्तार की कोशिशों में जुटी भाजपा को आंध्र प्रदेश में बड़ी सफलता मिली है। यहां भाजपा पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी, पवन कल्याण की जनसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। आंकड़े बता रहे हैं कि यहां टीडीपी 17, भाजपा 6 और जनसेना 2 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। वहीं, विधानसभा चुनाव में भाजपा 10, जेएसपी 21 और टीडीपी 144 सीटों पर मैदान में उतरेगी।

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