कैबिनेट ने दी तीन सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने को मंजूरी, टाटा ग्रुप का होगा पहला प्लांट

नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि कैबिनेट ने तीन सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने को मंजूरी दे दी है। यह प्लांट अगले 100 दिनों में बनने भी शुरू हो जाएंगे। वैष्णव ने कहा कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट गुजरात में ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग कॉर्प के साथ मिलकर एक सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी। भाषा की खबर के मुताबिक, इसके अलावा, टाटा सेमीकंडक्टर एसेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लि.असम के मोरीगांव में 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी।

खबर के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने देश में सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि सीजी पावर जापान की रेनेसस इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्प और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर गुजरात में एक सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाएगी। मंत्री ने बताया कि तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स में कुल निवेश 1.26 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चिप फैब योजना से 26,000 लोगों को प्रत्यक्ष और लगभग 1 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

प्रोडक्शन के लिए एक सामान्य सेमीकंडक्टर फैब की समयसीमा 3-4 वर्ष है, लेकिन इस कम करने की कोशिश की जाएगी। वैष्णव ने कहा कि हमारे देश ने आज असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) तकनीक विकसित कर ली है। पिछले कई महीनों की अवधि में, हम एटीएमपी तकनीक विकसित करने में सक्षम हुए हैं। सीजी पावर और जापान की रेनेसास 7,600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करेंगी, जिसमें हर रोज बड़े पैमाने पर चिप्स का प्रोडक्शन होगा।

ये इकाइयां 20,000 एडवांस टेक्नोलॉजी नौकरियों का प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 60 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेंगी। सरकार ने कहा कि ये इकाइयां डाउनस्ट्रीम ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, दूरसंचार विनिर्माण, औद्योगिक विनिर्माण और अन्य अर्धचालक-उपभोक्ता उद्योगों में रोजगार पैदा करने में तेजी लाएंगी।

Leave a Comment