ताले में कैद हैं लाखों की लागत से बने सामुदायिक शौचालय

  • निर्माण के बाद नहीं किया जा रहा इस्तेमाल

जबलपुर। नौगांव जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से बने सामुदायिक शौचालय निर्माण पूरा होने के बाद लंबे समय से ताले में कैद हैं। विभागीय लापरवाही के चलते इनका उपयोग आज तक नहीं हो पा रहा है। ग्राम पंचायतों के द्वारा भी सामुदायिक शौचालयों का संचालन करने के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। कई ऐसे भी सामुदायिक शौचालय हैं जिनमें ग्रामीणों के द्वारा उपले रख लिए गए हैं।जानकारी के मुताबिक वर्ष 2020-21 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ हो चुकी पंचायतों के सार्वजनिक स्थलों पर सुलभ प्रसाधन व्यवस्था हेतु सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया। नौगांव जनपद की ग्राम पंचायत चिरवारी, काकुनपुरा गुढ़ौ, सरसेड़, अमां, इमलिया में निर्माण हुआ लेकिन वर्तमान में इनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। अधिकांश जगहों पर इन शौचालयों में ताले लटके हुए हैं। सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए पंचायत की आबादी के अनुसार राशि जारी की गई थी। तीन से पांच लाख तक की लागत से प्रत्येक ग्राम में सामुदायिक शौचालय बनाया गया जिनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। पिछले दिनों कलेक्टर संदीप जीआर ने भी ग्राम पंचायत इमलिया में जन शिकायत निवारण शिविर के दौरान इन शौचालयों को खोलने तथा इनका इस्तेमाल कराने के निर्देश दिये थे लेकिन कलेक्टर के निर्देशों का भी पालन नहीं हुआ। काकुनपुरा और ग्राम गुढ़ौ के सामुदायिक शौचालय में उपले भरे पड़े हैं और सामुदायिक शौचालय ताले में बंद हैं। दोनों ही जगह पानी की भी व्यवस्था नहीं है।


इसलिए फंसा हैं संचालन का पेंच
दरअसल सामुदायिक शौचालय के शुरू होने के बाद संचालन का पेंच इसलिए फंसा हुआ है क्योंकि संचालन के लिए किसी तरह का फंड नहीं मिलना है। ऐसे में पंचायत को ही स्वीपर, सफाईकर्मी और देखरेख करने वाले की वेतन देने का भार उठाना पड़ेगा। इसके साथ ही स्वच्छता समिति, महिला समूह या कर्मचारी नियुक्त करना होगा जिन्हें हर माह वेतन देना होगा। यही कारण हैं कि पंचायतें इसको लेकर हाथ पीछे की ओर खींच रही है।

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